- निजी वेयरहाउस संचालक भी समर्थन मूल्य पर करेंगे गेहूं खरीदी
भोपाल। पिछले कुछ दिनों से तापमान बढऩे के कारण प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में गेहूं की फसल भी पकना शुरू हो गई है। 15 मार्च के बाद कटाई भी होने लगेगी और एक अप्रैल से समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू हो जाएगी। इस बार निजी वेयरहाउस (गोदाम) संचालक भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं खरीद सकते हैं। सरकार ने इसकी अनुमति दे दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बीते दिनों सहकारी समिति कर्मचारियों की हड़ताल से सबक लेकर सरकार गेहूं खरीदी के लिए ठोस कदम उठाया है। अब निजी वेयरहाउस संचालकों को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं खरीदी के अधिकार मिल गए हैं। किसान निजी वेयरहाउस में भी समर्थन मूल्य पर उपज बेच सकेंगे।
27 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से मिलेगा कमीशन
समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए उन्हीं गोदामों का चयन किया गया है, जिनमें कम से कम 3 हजार टन भंडारण क्षमता रिक्त है। वेयरहाउस के 15 किमी के दायरे में आने वाले गांव के किसान उपज बेच सकेंगे। वेयर हाउस संचालकों को सरकार खरीदी के लिए 27 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से कमीशन देगी। कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया वेयरहाउस संचालक भी खरीदी कर सकेंगे। गोदाम वेयरहाउस कॉर्पोरेशन से पंजीकृत होना चाहिए। वहीं प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई ने भी पत्र जारी कर दिया है। हालांकि सहकारी समितियों पर खरीदी यथावत होगी।
खरीदी केंद्र सर्वसुविधा युक्त होंगे
खरीदी केंद्रों पर शीघ्र तुलाई की व्यवस्था, पार्किंग, पीने के पानी और शौचालय, किसानों के बैठने की उचित व्यवस्था, 2 हजार मीट्रिक टन भंडारण की क्षमता, तुलाई, बोरे में भराई, पैकिंग, कंप्यूटर सिस्टम, इंटरनेट, ऑपरेटर। वेयरहाउस संचालक के पास खर्च के लिए 5 लाख रुपए की क्रेडिट लिमिट होनी चाहिए। प्रदेश में किसानों के लिए आर्मी की तर्ज पर कैंटीन बनाई जाएंगी। कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि प्रदेश की सभी मंडियों को किसानों के लिए सर्व सुविधायुक्त आदर्श मंडी के रूप में तैयार किया जाएगा। मंडी की कैंटीन में अच्छी गुणवत्ता के कृषि उपकरण व रोजमर्रा, घरेलू सामान सस्ती कीमतों पर ले सकेंगे।
कमेटी करेगी गोदामों का चयन
शासन गोदाम के चयन के लिए हर जिले में एक कमेटी गठित कर रही है। कलेक्टर द्वारा नामित डिप्टी कलेक्टर, फूड ऑफिसर, एमडी नान, विपणन अधिकारी, डीएम वेयरहाउस मिलकर गोदामों का चयन करेंगे।
नई व्यवस्था से होंगे कई फायदे
समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी की नई व्यवस्था से किसान, सरकार और गोदाम संचालकों को फायदा होगा। सोसाइटी कर्मचारियों की मनमानी, हड़ताल से किसानों को राहत रहेगी। हड़ताल के कारण उपज खरीदी प्रभावित नहीं होगी। निजी गोदामों पर सहकारी समितियों की अपेक्षा अच्छी व्यवस्थाएं मिलेंगी। कर्मचारियों की कमी, हड़ताल का असर नहीं रहेगा। गोदाम स्तर पर सीमित खरीदी होती है। भंडारण के लिए उपार्जन केंद्रों से गेहूं परिवहन कर लाना होता है। इसमें समय और धन दोनों लगता है। सरकार को इससे छुटकारा मिला। अभी समिति द्वारा खरीदी उपज से केवल किराया मिलता था। अब संचालक स्वयं उपज खरीदेंगे तो आर्थिक लाभ भी होगा। गोदामों में समय पर भंडारण होगा। गोदाम खाली नहीं रहेंगे। भुगतान भी होगा।