
भोपाल। वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए बिजली की दरों का ऐलान राज्य विद्युत नियामक आयोग इस महीने कर सकता है। आयोग ने फरवरी में नए टैरिफ को जारी करने से पहले दावे, आपत्तियों पर वर्चुअल सिस्टम से सुनवाई की थी। इंदौर-उज्जैन संभाग से 55 के लगभग आपत्ति दर्ज कराई गई थीं। हर आपत्तिकर्ता को सुनवाई के लिए लिंक भेजी गई थी। वैसे नियामक आयोग नया वित्तीय वर्ष शुरू होने से पहले ही टैरिफ जारी कर देता है, लेकिन इस बार घोषित नहीं किया गया। प्रदेश की तीनों बिजली वितरण कंपनी की ओर से पॉवर मैनेजमेंट कंपनी ने 22 फीसदी बिजली महंगी किए जाने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि जितनी डिमांड की है उतनी वृद्धि संभव नहीं है। चार से छह फीसदी तक बिजली महंगी हो सकती है। टैरिफ भले ही देरी से जारी हो, लेकिन इसे लागू 1 अप्रैल से माना जा सकता है। मतलब नए टैरिफ से खपत की गणना 1 अप्रैल से की जाएगी।
दिसंबर में ही 3 प्रतिशत महंगी हुई थी
2020-21 में कोरोना काल के चलते टैरिफ निर्धारित नहीं हो पाया था। नियामक आयोग ने दिसंबर में तीन फीसदी बिजली महंगी की थी। इसके बाद जनवरी में फिर प्रस्ताव भेजा गया था। इस पर फरवरी में सुनवाई हुई।
साल में चौथी बार बढ़ रहे हैं दाम
विद्युत नियामक आयोग ने वितरण और उत्पादन कंपनी को फ्यूल कॉस्ट एडजस्टमेंट केे नाम पर हर तीन महीने में समीक्षा करने की व्यवस्था भी दे रखी है। सालभर में होने वाली चार बैठकों में हर दफा 25 पैसे तक प्रति यूनिट बिजली महंगी कर दी जाती है। यह अप्रत्यक्ष रूप से होने वाली वृद्धि उपभोक्ता को पता नहीं चलती, क्योंकि बिल में इसका उल्लेख नहीं होता है।
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