कमजोर मानसून ने बढ़ाई चिंता… टुकड़ों-टुकड़ों में होती है बारिश… पश्चिमी क्षेत्र से ज्यादा पूर्वी क्षेत्र में गिरा पानी
इंदौर। ऐसा लगता है कि इस बार मानसून (monsoon) कमजोर रहेगा। बीते दो-तीन सालों से तो औसत डेढ़ से दो गुना तक ज्यादा बारिश (rain) होती रही। इस बार टुकड़ों-टुुकड़ों में बारिश (rain) हो रही है और वह भी पश्चिम क्षेत्र की तुलना में पूर्वी क्षेत्र में अधिक। यही कारण है कि गत वर्ष की तुलना में 50 फीसदी से भी कम बारिश अभी तक हुई है। मौसम विभाग (meteorological department) के मुताबिक आज सुबह तक 107 मिमी यानी लगभग 4 इंच बारिश दर्ज की गई है। हालांकि पूर्वी क्षेत्र में इससे दो गुना से ज्यादा 10 इंच तक पानी गिर चुका है। कल भी पूर्वी क्षेत्र में ही थोड़ी देर के लिए तेज झड़ी लगी।
पहले तो कोरोना की दूसरी लहर ने सभी तरह के कारोबार को चौपट कर दिया और अब मानसून की बेरुखी ने भी चिंता बढ़ा दी है। दरअसल पहली लहर के बाद गत वर्ष ग्रामीण अर्थव्यवस्था ने बहुत सहायता दी, लेकिन इस बार अगर मानसून (monsoon) कमजोर रहता है तो कृषि से संबंधित गतिविधियां भी प्रभावित होंगी और दूसरी लहर ने शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों को भी इस बार अधिक प्रभावित किया। वैसे तो 15 जून के बाद ही इंदौर में मानसून की आमद हो जाती है, लेकिन इस बार जुलाई का पहला पखवाड़़ा भी बीतने को आया और एक बार भी अनवरत मानसूनी जोरदार झड़ी नहीं लगी है, जिसमें कम से कम 4 से 5 इंच पानी पूरे इंदौर में एक साथ बरस जाए। टुकड़ों-टुकड़ों में ही बारिश हो रही है। कल भी मात्र 1.2 मिमी बारिश दर्ज की गई। दरअसल मौसम विभाग (meteorological department) का मुख्यालय पश्चिमी क्षेत्र में एयरपोर्ट पर स्थित है, लिहाजा उस क्षेत्र में गिरने वाली बारिश ही दर्ज होती है और पूर्वी क्षेत्र में होने वाली बारिश की गणना कृषि विभाग द्वारा की जाती है। जोरदार बारिश (rain) ना होने के चलते गर्मी और उमस से भी राहत नहीं मिल सकी है, बल्कि थोड़ी बारिश के बाद जब मौसम साफ होता है और धूप निकती है तो उमड़ कई गुना बढ़ जाती है। कल भी दिन का अधिकतम तापमान 33.3 दर्ज हुआ जो सामान्य 2 डिग्री अधिक रहा और रात का 24.8 दर्ज हुआ, जो 2 डिग्री अधिक रहा।
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