
नई दिल्ली। रघुराज प्रताप सिंह राजाभैया के करीबी और विधान परिषद सदस्य अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपालजी को एमपीएमएलए कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस बनवाने के मामले में कोर्ट ने उन्हें सात साल की सजा सुनाई है। साथ ही उन पर 10 हजार रुपया जुर्माना भी ठोका है। उन्हे एक दिन पहले ही मंगलवार को न्यायिक हिरासत में ले लिया था।
एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह ने जनसत्ता दल के प्रत्याशी के रूप में प्रतापगढ़ स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र के नामांकन पत्र भी दाखिल किया है। वह लगातार तीन बार से इस सीट से एमएलसी निर्वाचित होते आ रहे हैं। माना जा रहा है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत उनका नामांकन पत्र निरस्त किया जा सकता है।
सजा सुनाए जाते समय राजाभैया रहे मौजूद, कोर्ट परिसर पुलिस छावनी मे तब्दील
प्रतापगढ़ की एमपीएमएल कोर्ट ने अक्षय प्रताप सिंह को सात साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने 10 हजार रुपये का जुर्माना भी ठोका है। 15 मार्च को कोर्ट ने नोटिस जारी कर दोषी करार दिया था। मंगलवार को कोर्ट के आदेश पर उन्हें न्यायिक हिरासत में ले लिया था। सजा सुनाए जाने के बाद पूरे कोर्ट में भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। सजा सुनाए जाते समय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजाभैया भी कोर्ट में मौजूद रहे। अक्षय प्रताप सिंह राजाभैया के करीबी रिश्तेदार हैं।
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