नई दिल्ली। राजस्थान बीजेपी (Rajasthan BJP) में आंतरिक कलह (internal strife) पूरी तरह सतह पर आता नजर आ रहा है। बुधवार को कोटा में बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति की बैठक (BJP State Working Committee meeting) से पहले जमकर हंगामा हुआ और फिर बैठक शुरू होने के बाद पूर्व सीएम और पार्टी की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे (Former CM and senior party leader Vasundhara Raje) की नाराजगी साफ नजर आई। वसुंधरा राजे बैठक छोड़ कर बीच में ही बाहर निकल गईं।
बताया जा रहा है कि इस बैठक में सतीश पूनिया से लेकर प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह के साथ-साथ वसुंधरा राजे भी मौजूद थीं। बैठक में कुल तीन सत्र होने थे। तीसरे सत्र में वसुंधरा राजे का संबोधन होना था। उनके संबोधन को लेकर कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि भाजपा की वरिष्ठ नेता को चार राज्यों में पार्टी की जीत और पीएम मोदी की ओर से 10 लाख युवाओं को रोजगार देने की घोषणा पर भाषण देना था।
वसुंधरा के भाषण के लिए 25 मिनट का समय भी निर्धारित किया गया था। लेकिन वसुंधरा राजे बिना भाषण दिये ही बैठक को बीच में छोड़ कर चली गईं। इस तरह वसुंधरा राजे के अचानक बैठक से चले जाने को लेकर सियासी गलियारे में उनकी नाराजगी को लेकर चर्चा होने लगी है।
सूत्रों के हवाले से कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि राजे के निजी सहायक पिछले चार दिनों से पार्टी से वसुंधरा राजे के भाषण के विषय में पूछ रहे थे, लेकिन उन्हें जानकारी भी नहीं मिल रही थी।
बैठक शुरू होने से पहले हंगामा
बता दें कि प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में शामिल होने के लिए पूर्व सीएम वसुंधरा राजे कोटा पहुंची थीं। बैठक में वसुंधरा राजे के मीडिया एडवाइजर और पर्सनल सिक्योरिटी गार्ड को अंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई थी। वहां एंट्री को लेकर भाजपा नेता कार्यकर्ता भिड़ते और एक दूसरे के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते भी सुनाई दिए थे। वसुंधरा समर्थक पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत को बैठक में शामिल होने के लिए एंट्री नहीं दी गई।