इंदौर। इंदौर में एक बार फिर सरकारी सिस्टम से परेशान दिव्यांग ने आत्मघाती कदम उठाया है, मिली जानकारी के अनुसार नितिन पिता हरिनारायण निवासी पाटनीपुरा जिसकी उम्र 45 साल बताई जा रही है ने कलेक्ट्रेट में जहर खाकर जान देने की कोशिश की है। दिव्यांग ने दफ्तर के अधिकारियों पर सुनवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए जहर खाकर जान देने की कोशिश की है।
मंगलवार को इंदौर कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई चल रही थी इसी दौरान आवेदकों की लाइन में बैठा एक दिव्यांग बेहोश हो गया। बाताया जा रहा है कि युवक ने पहले से ही जहरीले पदार् का सेवन कर लिया था, बेहोशी की हालत में कलेक्टर टी इलैयाराजा ने युवक को तुरंत अस्पताल पहुंचाया जहां युवक का इलाज किया जा रहा है। एमवाय अस्पताल के स्टाफ के अनुसार युवक की स्थिति फिलहाल खतरे से बाहर बताई गई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिव्यांग ने पिछले 2 महीने में कई बार आवेदन देकर जीवनयापन करने के लिए नौकरी दिलवाने की मांग रखी थी, लेकिन उसकी इस मांग के पूरा नहीं होने के कारण युवक ने जहर खा लिया। युवक ने अपर कलेक्टर अभय बेडेकर पर आरोप लगाया कि उसने कई बार आवेदन दिया लेकिन बेडेकर उसके आवेदन को पढ़कर हंसते थे और कोई सुनवाई नहीं करते थे, वहीं इस मामले पर अपर कलेक्टर अभय बेड़ेकर का कहना है कि युवक आवेदन देकर सरकारी नौकरी की मांग करता था, उसे समझाया था कि इस संबंध में शासन स्तर पर फैसला होगा ये मेरे क्षेत्राधिकार में नहीं है।
आपको बता दें कि इंदौर में इसके पहले भी एक दिव्यांग से बदसलूकी के चलते एडीएम पवन जैन पर सीएम शिवराज सिंह चौहान के कड़ा एक्शन लिया था और उन्हें तत्काल प्रभाव से हटा दिया था।
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