
इंदौर। भाजपा में अनुशासन का डंडा किस तरह से चलता है, इसका एक उदाहरण कल देखने को मिला, जब ग्रामीण क्षेत्र में चलने वाले प्रशिक्षण वर्ग का महू के कुछ पदाधिकारी और वरिष्ठ नेताओं ने बहिष्कार कर दिया और चुनाव में विरोध में काम करने वाले नेताओं को बाहर करने की मांग करने लगे। इस पर संगठन प्रभारी राघवेंद्र गौतम नाराज हो गए और उन्होंने कार्यालय से बाहर आकर विरोध करने वाले पदाधिकारियों से कहा कि संगठन को क्या करना है, वह कर रहा है। ऐसा ना हो कि पहले आपके खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्रवाई हो जाए?
विधानसभा चुनाव की शिकवा शिकायतों का दौर अभी तक चल रहा है। महू विधानसभा चुनाव में कुछ लोगों ने कथित तौर पर पार्टी के विरोध में काम किया था। इसकी शिकायत संगठन को की गई थी। इसी को लेकर कल विधायक उषा ठाकुर समर्थक जब भाजपा कार्यालय पर आयोजित प्रशिक्षण वर्ग में पहुंचे तो उन्होंने प्रशिक्षण वर्ग का बहिष्कार कर दिया और बाहर आकर खड़े हो गए। उनकी मांग थी कि पहले विरोध में काम करने वालों को निष्कासित किया जाए। उन्हें बार-बार संगठन ने नोटिस भेजा है, लेकिन अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है। इसी को लेकर थोड़ी देर के लिए गहमागहमी की स्थिति बन गई। प्रशिक्षण देने आए संभाग प्रभारी राघवेंद्र गौतम इस पर नाराज हो गए और उन्होंने बाहर आकर कहा कि जिन लोगों को नोटिस देना था उन्हें दे दिया है। संगठन अपना काम कर रहा है, लेकिन वे लोग इस तरीके से विरोध कर रहे हैं तो यह अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। ऐसा न हो कि उन्हें पहले नोटिस थमा दिए जाएं। हालांकि प्रशिक्षण में उषा ठाकुर भी देरी से पहुंची। मंत्री तुलसी सिलावट जरूर समय पर पहुंच गए थे। बताया जा रहा है कि महू के कुछ स्थानीय नेताओं की आपस में गुटबाजी के चलते पटरी नहीं बैठ पा रही है और इसी को लेकर यह विरोध किया गया था।
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