
नई दिल्ली । सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) ने प्रयागराज महाकुंभ (Mahakumbh) में तटों के पानी के स्तर की जो रिपोर्ट नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) को सौंपी है, वह डराने वाली है. 9 से 21 जनवरी के बीच कुल 73 अलग-अलग जगहों से लिए गए सैंपलों में पानी को नहाने योग्य तक नहीं माना गया. इस मामले पर विपक्षी पार्टियां तो केंद्र और राज्य सरकारों पर निशाना साध ही रही हैं, लेकिन अब शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद (Shankaracharya Avimukteshwarananda) ने भी इस मामले में सीधे-सीधे सरकार को दोषी ठहरा दिया है. शंकराचार्य ने बताया कि उन्होंने पहले ही इस मामले को उठाया था लेकिन सरकार और प्रशासन को इससे कोई मतलब नहीं.
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानांद ने कहा, ‘ये बात नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कुंभ के आरंभ होने के पहले ही बता दी थी. उन्होंने कहा था कि गंगा और यमुना की धाराएं स्नान लायक नहीं है. उन्होंने कुछ निर्देश भी जारी किए थे कि आप ये ये काम कीजिए. खासकर शहर से मल-जल के जो नाले उन धाराओं में मिल रहे थे, उनको दूर करने के लिए कहा गया था ताकि लोगों को स्नान के लिए शुद्ध जल मिल सके, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं किया गया.’
‘जो मूल व्यवस्था थी, उसी पर ध्यान नहीं दिया’
शंकराचार्य बोले, ‘कहा जा रहा है कि हमने बहुत सारी व्यवस्थाएं कर दी लेकिन जो मूल व्यवस्था करनी थी कि लोगों को स्नान के लिए शुद्ध जल मिल सके वो तो नहीं मिली. एनजीटी ने जब पहले आदेश दिया था तब भी हमने महाकुंभ अधिकारियों से कहा था कि आप रोज तटों पर से पानी का सैंपल लेकर रिपोर्ट सार्वजनिक कीजिए कि पानी नहाने योग्य है या नहीं लेकिन इन लोगों ने नहीं किया. पूरा मेला बीत गया.’
‘वीडियो में पानी में मल दिखा रहे लोग’
अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, ‘हमने ऐसे वीडियो देखें है जिनमें लोग सीधे वहां के पानी में मल दिखा रहे हैं. गंगा मैया की पवित्रता में तो कोई बाधा नहीं है लेकिन उनका जो भौतिक स्वरूप है वो अगर मलयुक्त है तो इसका दोष सरकार को जाता है. बाकी व्यवस्था अपनी जगह है लेकिन यह तो सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए. पिछली बार वहां अर्धकुंभ में सरकार ने कहा था कि महाकुंभ में हम गंगा के पानी में नाले नहीं गिरने देंगे लेकिन वे इस बार भी ऐसा नहीं कर पाए.’
‘VIP को भी मलयुक्त जल में स्नान करा दिया’
उन्होंने कहा, ‘यह करोड़ों लोगों की आस्था के साथ, उनकी भावना के साथ और उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है. सरकार इस बारे में जब गंभीर ही नहीं है तो फिर कुछ भी होगा.’ शंकराचार्य ने यह भी कहा कि VIP कल्चर वाली इस सरकार ने सभी वीआईपी को भी मलयुक्त जल में ही स्नान करवा दिया. उन्होंने कहा, ‘क्या VIP कल्चर, जिनके लिए पूरा क्षेत्र आप खाली रखते हैं, सड़कें खाली रखते हैं, उनको भी तो आप मलयुक्त जल में ही स्नान करवा रहे हैं. सभी VIP भी तो इसी जल में स्नान करके गए.’
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved