
नई दिल्ली । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले(General Secretary Dattatreya Hosabale) ने केंद्र सरकार(Central government) से जनसंख्या नीति(Population policy) जल्द तैयार करने की अपील की है, ताकि जनसांख्यिकीय असंतुलन(demographic imbalance) को सुधारा जा सके। होसाबले ने मध्य प्रदेश के जबलपुर में संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी बैठक के अंतिम दिन यह बयान दिया। उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘सरकार ने इसे खुले मंच पर और संसद में भी उल्लेख किया है। वो जनसंख्या नीति जितनी जल्दी होगी, उतना ही उसका लाभ है।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में जनसांख्यिकीय परिवर्तन का जिक्र किया था। उन्होंने इससे निपटने के लिए एक उच्चस्तरीय मिशन की भी घोषणा की थी। इसी तरह, फरवरी 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले अंतरिम बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस मुद्दे का उल्लेख किया। उन्होंने तीव्र जनसंख्या वृद्धि और जनसांख्यिकीय परिवर्तनों की चुनौतियों पर विचार करने के लिए उच्चस्तरीय समिति की घोषणा की थी। प्रस्तावित मिशन या सीतारमण की घोषणा के अब दत्तात्रेय होसबाले का बयान आया है।
ऐसा कानून क्यों जरूरी, होसबाले ने बताया
दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि घुसपैठ, धार्मिक धर्मांतरण और एक ही समुदाय का दबदबा… ये तीन मुख्य कारण हैं जो लोकतंत्र को अस्थिर कर सकते हैं। उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण कानून की जरूरत पर जोर दिया। होसबाले ने कहा, ‘सेवा के नाम पर धर्मांतरण चिंता का विषय है। वनवासी कल्याण आश्रम और विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठन इसे रोकने के लिए काम कर रहे हैं। पंजाब में सिखों के बीच भी धर्मांतरण बढ़ रहा है, जिसे जागरूकता और तालमेल के ज़रिए रोका जा सकता है जिससे ‘घर वापसी’ (दूसरे धर्म अपनाने वालों की हिंदू धर्म में वापसी) सुनिश्चित हो सके।’
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