नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र (winter session of parliament) में कृषि कानून और महंगाई समेत अन्य मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरने (surround the Modi government) की विपक्षी दल की एकता (unity of the opposition party) को बड़ा झटका लगा है। तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress ) ने कांग्रेस पार्टी की बैठक (Congress party meeting) में जाने से इनकार कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि, सोमवार से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने सभी विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है, लेकिन टीएमसी ने इस बैठक में शामिल होने से इनकार किया है।
दरअसल पार्टी की गोवा यूनिट चाहती है कि टीएमसी इस मीटिंग से दूरी बनाए रखे क्योंकि गोवा में वह बीजेपी और कांग्रेस के खिलाफ चुनावी मैदान में है। नाम नहीं बताने की शर्त पर तृणमूल कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि, संसद में विपक्षी दलों की एकता बरकरार रहेगी, लेकिन सुबह होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में उपस्थिति मुश्किल होगी।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने सोमवार सुबह अपने चैंबर में विपक्षी दलों को मीटिंग के लिए बुलाया है, ताकि संसद सत्र के दौरान विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति और सहमति बनाई जा सके। वहीं कांग्रेस नेता द्वारा यह आरोप लगाए जाने पर कि टीएमसी, बीजेपी की मदद कर रही है. इस पर जवाब देते हुए तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि हम पर यह आरोप नहीं लगाया जा सकता है कि हम बीजेपी का साथ दे रहे हैं, क्योंकि सब जानते हैं कि पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी को किस तरह हराया।
टीएमसी के फैसले से विपक्षी एकता को झटका
तृणमूल कांग्रेस के इस बैठक से दूरी बनाए रखने के फैसले से विपक्षी एकता को नुकसान पहुंच सकता है और टीएमसी का यह कदम समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी को भी बैठक में नहीं जाने के लिए प्रेरित कर सकता है, जो कि यूपीए का हिस्सा नहीं है। हालांकि संसद के मॉनसून सत्र में बीएसपी को छोड़कर सभी विपक्षी दल एक साथ थे और उन्होंने सदन में पेगासस स्कैंडल समेत अन्य मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरा था।
टीएमसी और कांग्रेस के बीच तकरार कम नहीं हो रही है। इससे पहले दिल्ली में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह बयान देकर सबको हैरान कर दिया था कि संविधान में लिखा है क्या कि हर बार सोनिया गांधी से मिलना जरूरी है। इससे पहले मेघालय में टीएमसी ने कांग्रेस के किले में सेंध लगा दी। यहां करीब 17 में से कांग्रेस के 12 विधायकों ने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया।
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