इंदौर। मरीमाता चौराहे से बाणगंगा की ओर जाने वाले मेनरोड से यातायात का दबाव कम करने के लिए नगर निगम अब पोलोग्राउंड से मरीमाता मेनरोड तक नई सडक़ बनाने जा रहा है। इसके लिए अधिकारियों ने पूरे क्षेत्र का निरीक्षण कर नपती भी पूरी कर ली है और रहवासी खुद अपने स्तर पर बाधाएं हटाने में भी जुट गए हैं। 45 फीट चौड़ी इस सडक़ में करीब 175 मकान, दुकान के हिस्से बाधक हैं। मरीमाता चौराहे पर यातायात का दबाव सर्वाधिक रहता है। इसके साथ ही मरीमाता चौराहे से बाणगंगा की ओर जाने वाले मार्ग पर भी दोनों लेन में सडक़ों का अच्छा खासा ट्रैफिक रहता है।
मरीमाता मेनरोड से ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए अब नगर निगम 45 फीट चौड़ी नई सडक़ बनाने के लिए मशक्कत में जुटा हुआ है। जनकार्य समिति प्रभारी राजेंद्र राठौर और नगर निगम के अधिकारियों की टीम इसके लिए पोलोग्राउंड से जयहिंद नगर और बदल का भट्टा होते हुए मरीमाता मेनरोड की प्रस्तावित सडक़ का निरीक्षण करने पहुंचे थे। राठौर के मुताबिक पोलोग्राउंड से यह सडक़ मरीमाता मेनरोड तक बनाई जाएगी और इस पर करीब 2 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी। मरीमाता चौराहे पर अब अहिल्याश्रम और रामबाग क्षेत्र से वाहन चालक मरीमाता चौराहा होते हुए उज्जैन की ओर जाने वाले मार्ग पर गुजरते हैं, लेकिन यह सडक़ बनने से पोलोग्राउंड से जयहिंद नगर होते हुए सीधे मरीमाता मेनरोड पर पहुंचा जा सकेगा।
175 बाधाएं, कई जगह रहवासी खुद हटाने लगे मकान दुकान के हिस्से
यह सडक़ पोलोग्राउंड से लेकर मरीमाता मेनरोड तक बनाई जाना है और इसमें सबसे ज्यादा बाधाएं जयहिंद नगर और बदल का भट्टा क्षेत्र में हैं। करीब 175 से ज्यादा मकान, दुकान के हिस्से नपती के बाद बाधक बने हैं और उन पर निशान लगा दिए गए हैं। कई जगह रहवासियों ने खुद अपने स्तर पर बाधक हिस्से तोडऩा भी शुरू कर दिए हैं। नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक कुछ दिनों तक बाधाएं हटाने का सिलसिला जारी रहेगा और उसके बाद सडक़ निर्माण का कार्य शुरू कराया जाएगा। इससे पहले ही लोगों ने अपनी दुकानें खुद हटाना शुरू कर ली थी।
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