इंदौर। प्लॉटों (plots) की धोखाधड़ी (fraud) के मामले में बिल्डर अतुल सुराणा (builder Atul Surana) को फरार घोषित करने की निचली अदालत (rial court) की कार्रवाई (action) को सही मानते हुए सेशन कोर्ट (sessions court) ने सुराणा की रिवीजन याचिका खारिज कर दी।
सूत्रों के अनुसार राजेंद्रनगर थाने (Rajendranagar police station) में अतुल पिता सुरेंद्रसिंह सुराणा निवासी महावीरनगर (Mahaveernagar) के खिलाफ वर्ष 2019 में धोखाधड़ी, दस्तावेजों में जालसाजी के इल्जाम में केस दर्ज हुआ था। इसमें गिरफ्तारी वारंट (arrest warrant) निकलने पर भी वह कोर्ट में पेश नहीं हुआ तो कोर्ट ने उसे फरार घोषित करने की कार्रवाई की थी और इस संबंध में मजिस्ट्रेट राकेशकुमार पाटीदार ने वर्ष 2020 में आदेश जारी किए थे। सुराणा ने सेशन कोर्ट में रिवीजन याचिका लगाकर यह कहते हुए मजिस्ट्रेट के आदेश को निरस्त करने की मांग की थी कि पुलिस ने उसके महावीरनगर स्थित असली पते पर वारंट तामील नहीं कराया और तामीली कराने की बनावटी कार्रवाई करती रही। सेशन कोर्ट में जज मुकेश नाथ ने पाया कि मुलजिम के खिलाफ ढाई साल पहले केस दर्ज हुआ था। इसकी जानकारी होने के बाद उसने अग्रिम जमानत याचिकाएं भी लगाई थीं, यानी मुलजिम के नॉलेज में पुलिस कार्रवाई होने की जानकारी थी। इसके बावजूद वह पुलिस के समक्ष कभी पेश नहीं हुआ। जहां तक सही पते का सवाल है तो मुलजिम ने जमानत अर्जियों व एग्रीमेंट में अलग-अलग पते लिखाए थे। ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि पुलिस ने उसके असली पते पर ढूंढने का प्रयास नहीं किया। लिहाजा मजिस्ट्रेट ने उसे फरार घोषित करने की कार्रवाई को सही मानते हुए उसकी रिवीजन याचिका खारिज कर दी।
केस दर्ज होने पर डागरिया सहित चारों मुलजिम हुए थे फरार
फरियादी अंजू मित्तल व कामिनी नीमा ने वर्ष 2019 में अतुल सुराणा से पुलक सिटी कॉलोनी में प्लॉटों के लिए संपर्क किया तो अतुल ने अपनी गोल्डन पैलेस डेवलपर्स कंपनी में सुनील पाटीदार व धर्मेंद्र सोलंकी को पार्टनर बताकर पुलक सिटी में 14102 वर्गफीट जमीन के 13 प्लॉट बेचने के एवज में 1 करोड़ 38 लाख 34 हजार रुपए में सौदा कर पैसा प्राप्त कर लिया, किंतु इसके बाद भी फरियादियों को प्लॉटों की रजिस्ट्री नहीं कराई तो फरियादी पक्ष ने पुलिस की शरण ली थी। पुलिस ने अतुल के अलावा अरुण डागरिया, सुनील पाटीदार व धर्मेंद्र सोलंकी के खिलाफ केस दर्ज किया था। केस दर्ज होने के बाद चारों मुलजिम फरार हो गए थे।