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भारत में अफगान दूतावास ने कामकाज किया बंद, कहा- समर्थन नहीं मिल रहा, कामकाज में हो रही बाधा

नई दिल्ली (New Delhi) । अफगानिस्तान (afghanistan) के दूतावास (Embassy) ने भारत (India) में अपना कामकाज पूरी तरह से बंद करने की घोषणा की है. रविवार को जारी आधिकारिक बयान में सरकार से समर्थन की कमी और अफगानिस्तान के हितों की पूर्ति में अपेक्षाओं को पूरा करने में विफलता का हवाला दिया गया है. अफगानी अधिकारियों ने कहा, ‘दूतावास को मेजबान सरकार से समर्थन नहीं मिल रहा है, जिससे हमारे कामकाज में बाधा उत्पन्न हुई है.’

बयान में आगे कहा गया, ‘बेहद दुख, अफसोस और निराशा के साथ कहना पड़ रहा है कि नई दिल्ली में अफगानिस्तान का दूतावास अपना परिचालन बंद करने के इस फैसले की घोषणा करता है. यह निर्णय अत्यंत खेदजनक होने के बावजूद अफगानिस्तान और भारत के बीच ऐतिहासिक संबंधों और दीर्घकालिक साझेदारी को ध्यान में रखते हुए सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श के बाद लिया गया है.’


अफगानिस्तान ने गिनाए दूतावास बंद करने के कारण
दूतावास ने अपने बयान में मिशन को प्रभावी तरीके से नहीं चला पाने के कुछ कारक गिनाये हैं और कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय के ये ही प्रमुख कारण हैं. उसने आरोप लगाया कि उसे मेजबान देश से अहम सहयोग की कमी महसूस हो रही है जिसकी वजह से वह प्रभावी तरीके से अपना काम नहीं कर पा रहा. दूतावास ने अफगानिस्तान के हितों को पूरा करने में अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरने की भी बात कही है.

सूत्रों के हवाले से अफगान दूतावास के तीन अधिकारियों ने बताया कि यह घटनाक्रम अफगान राजदूत और अन्य वरिष्ठ राजनयिकों के भारत छोड़कर यूरोप चले जाने और अमेरिका में शरण लेने के बाद हुआ. यहां कर्मियों की कमी हो गई थी. दूतावास के अधिकारियों ने बताया कि कम से कम पांच अफगानी राजनयिक भारत छोड़ चुके हैं. वहीं अफगान दूतावास ने परिसर पर अफगानिस्तान के झंडे को लगाए रखने की मांग की है.

अफगानिस्तान के दूतावास का नेतृत्व राजदूत फरीद मामुंडजे कर रहे थे. बता दें कि साल 2021 में अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार आने के बाद भारत ने अफगान में मौजूद अपने दूतावास को बंद कर दिया था. हालांकि भारत सरकार ने अपदस्थ अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी द्वारा नियुक्त राजदूत और मिशन स्टाफ को भारत में वीजा जारी करने और व्यापार मामलों को संभालने की अनुमति दी थी.

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