– स्थानीय लोगों को रोजगार देने के उद्देश्य से करेंगे विकास
इंदौर। इन्दौर जिले में सबसे ज्यादा पर्यटन स्थल महू तहसील में हैं, लेकिन वहां पर्यटकों के लिहाज से व्यवस्थाएं नहीं होने के कारण वे पर्यटन के नक्शे से दूर हैं। अब इन पर्यटन स्थलों के लिए एक योजना तैयार की जाएगी, जिससे आसपास के शहरों के अलावा बाहरी पर्यटक भी आएं। कोरोना समाप्त होने के बाद पर्यटन मंत्रालय इस दिशा में पहल करेगा।
पर्यटन, संस्कृति और अध्यात्म मंत्री बनने के बाद उषा ठाकुर ने पहली ही बैठक में अधिकारियों से घरेलू पर्यटन को लेकर जोर दिया था और कहा था कि इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिले, ऐसी योजना तैयार की जाए। इसके लिए 53 गांवों का चयन किया गया है, जिनमें धार जिले के 5 गांव शामिल हैं, लेकिन इन्दौर जिले के किसी भी स्थल का चयन नहीं किया गया है। वैसे तो महू तहसील के पर्यटन स्थल बारिश और ठंड के मौसम में पर्यटकों से गुलजार रहते हैं, लेकिन यहां पर्यटकों के रुकने और खान-पान की व्यवस्था नहीं होने के कारण बाहर से आने आने वाले पर्यटक नहीं आ पाते। इसको लेकर अब घरेलू पर्यटन योजना के तहत इन पर्यटन स्थलों को भी शामिल किया जाएगा। स्थानीय निकाय के साथ पर्यटन मंत्रालय इन स्थानों को विकसित कर वहां पर्यटक सुविधाओं के लिए कार्य करने की योजना बना रहा है। एक अनौचारिक मुलाकात में मंत्री ठाकुर ने बताया कि कोरोना के कारण कई रोजगार-धंधे प्रभावित हुए हैं और पर्यटन भी इनमें से एक है। कोरोना खत्म होने के बाद इस तरह की योजना तैयार की जाएगी कि स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिले और पर्यटन स्थलों का विकास हो सके। फिलहाल तो 53 गांवों को लेकर योजना बनाई जा रही है, जिसमें होम स्टे जैसा विकल्प भी शामिल है। चूंकि ठाकुर इसी क्षेत्र से मंत्री हैं तो माना जा रहा है कि इस योजना पर प्राथमिकता से काम किया जाएगा।
इन पर्यटन स्थलों पर होंगे विकास कार्य
इन्दौर के आसपास खूबसूरत प्राकृतिक स्थलों की भरमार है। इनमें महू तहसील में पातालपानी, मेहंदीकुंड, कालाकुंड, चोरल, रतबी, तिंछा फॉल, सीतलामाता फॉल, मानपुर के पास जोगी भडक़ तो हैं ही, वहीं सांवेर तहसील में हत्यारी खोह, गिदिया खोह और नाहर झाबुआ के जंगल भी शामिल हैं। इसके साथ ही जानापाव, जो साढ़े 7 नदियों का उद्गम स्थल है और प्राकृतिक दृष्टि से खूबसूरत भी है, को ईको तथा धार्मिक टूरिस्ट प्लेस के रूप में विकसित किए जाने की योजना है।