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ओलंपिक में गोल्ड जीतने की तैयारी कर रहा इंदौर का हॉर्स राइडर संस्कार राठौर, कई रिकार्ड कर चुके अपने नाम

इंदौर। महज ढाई साल की उम्र में हॉर्स राइडिंग(horse riding) कर लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड (Limca Book of World Records) और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड(India Book of Records) में यंगेस्ट हार्स राइडर (Youngest Horse Rider) के रूप में नाम दर्ज कराने वाले इंदौर(Indore) के संस्कार राठौर (Sanskar Rathore)को घुड़सवारी(horse riding) की दुनिया मे अदब से जाना जाता है. इंदौर के आईपीएस स्कूल(Indore ips schools) में 8 वीं कक्षा के 12 वर्षीय छात्र संस्कार राठौर को बचपन से ही घोड़ो से प्यार है और उनका पहला खिलौना भी घोड़े ही थे. वही संस्कार दिल्ली, जयपुर, कोलकाता, बेंगलुरु जैसे शहरों में हार्स राइडिंग का कमाल अलग – अलग चैंपियनशिप में दिखा चुके है. संस्कार नामक नन्हे घुड़सवार का अब लक्ष्य है कि वो ओलंपिक में भारत का नाम रोशन करेंगे और घुड़सवारी में गोल्ड लेकर आएंगे.



इंदौर बिजलपुर में रहने वाले संस्कार राठौर के परिवार का पुश्तैनी कारोबार घोड़ो की खरीदी बिक्री करना है. संस्कार के पिता सचिन राठौर खुद एक राइडर है और पिछले 23 साल से राइडर टीचर के रूप में आईपीएस स्कूल व कॉलेज में अपनी सेवाएं दे रहे है. सचिन राठौर की माने तो घुड़सवारी करना और सीखना एक महंगा शौक है साथ ही अलग अलग कॉम्पिटीशन में भाग लेने के लिए बहुत खर्चा आता है. ऐसे में वो अपने बेटे के लिए हर वो मुमकिन कोशिश करते है ताकि वो घुड़सवारी में ही अपना करियर बनाये इसके साथ ही भारत के लिए ओलंपिक में वो गोल्ड मेडल लाये.

फिलहाल, नन्हे राइडर की मेहनत जारी है और इंदौर व अपने परिवार का नाम रोशन करने वाले संस्कार अभी से ओलंपिक में जाने लक्ष्य लेकर मेहनत कर रहे है. ऐसे में उम्मीद ये ही कि जानी चाहिए कि देश का नन्हा हार्स राइडर एक दिन पूरे विश्व मे भारत का डंका बजाए और ओलंपिक में गोल्ड मेडल लेकर आये.

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