उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

कान्ह नदी के बाद अब नालों ने किया शिप्रा का पानी काला

  • बड़े पुल के पास गंदगी साफ करने के लिए नगर निगम को सुबह घाटों पर फायटर लगाने पड़े

उज्जैन। मौनी अमावस्या पर शिप्रा नदी का पानी कान्ह नदी के कारण काला और दूषित हो
गया था। श्रद्धालुओं ने मजबूरी में इसी पानी में पर्व स्नान किया था। इसके बाद अब छोटे पुल के पास के कई नाले शिप्रा में गंदगी उड़ेल रहे हैं जिससे नदी का पानी क्षेत्र में काला पड़ गया है। घाटों पर फैली गंदगी को साफ करने के लिए आज सुबह यहाँ नगर निगम के फायटर वाहन लगाने पड़े।


शिप्रा नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए संतों ने अभी भी शासन-प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। इसी के साथ सप्त सागरों के सुधार को लेकर भी पिछले एक पखवाड़े से संत गोवर्धन सागर तट पर धरना दे रहे हैं। इसके बावजूद शिप्रा में कान्ह नदी और नालों का पानी मिलना बंद नहीं हुआ है। पिछले दिनों मौनी अमावस्या पर स्नान को देखते हुए एक बार फिर त्रिवेणी क्षेत्र में कान्ह नदी के दूषित पानी को रोकने के लिए मिट्टी का पाला बनाया गया था। यह भी अधिक समय ठहर नहीं पाया और सारा पानी शिप्रा में मिलने से त्रिवेणी से लेकर रामघाट तक अभी भी दूषित और काला पानी भरा हुआ है। इधर पिछले एक हफ्ते से छोटे पुल से लेकर बड़े पुल तक 4 बड़े नाले शिप्रा में दूषित पानी बड़ी मात्रा में उड़ेल रहे थे। इसके चलते बड़े पुल के पास गंदगी के कारण काले पड़े गए थे। क्षेत्र में नदी का पानी भी गहरा काला हो गया था। आज सुबह घाटों पर जमी नालों की गंदगी को साफ करने के लिए नगर निगम का अमला फायटर वाहन लेकर पहुँचा। पानी के तेज प्रेशर के साथ घाटों की धुलाई की तो इसका सारा दूषित और काला पानी शिप्रा में ही मिलता रहा। कुल मिलाकर कान्ह नदी के साथ-साथ शहर के बड़े नाले भी शिप्रा को रोज प्रदूषित कर रहे हैं। अभी तक जितने प्रयास हुए हैं वे सब बेकार साबित हुए हैं।

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