नई दिल्ली। सावन (Monsoon) के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी (Nag Panchami ) मनाई जाती है. इस दिन नाग देवता और भगवान शंकर की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन भगवान शंकर (Lord Shankar) की विधिवत पूजा व रुद्राभिषेक करने वाले भक्त को सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है. जीवन में खुशहाली व सुख-समृद्धि(happiness and prosperity) का आगमन होता है.
हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार देवी-देवताओं की पूजा शुभ मुहूर्त में करने से कई गुना पुण्य लाभ मिलता है. वहीं अशुभ मुहूर्त में पूजा करने से अशुभ फल (bad fruit) की प्राप्ति होती है. इस बार नाग पंचमी के दिन अद्भुत संयोग(Special Coincidence ) का निर्माण हो रहा है. ऐसे में नाग पंचमी के दिन अशुभ मुहूर्त (inauspicious time) में पूजा न करें नहीं तो मां लक्ष्मी नाराज हो जाएँगी. मां लक्ष्मी के नाराज होने से घर में कंगाली आएगी. धन का आगमन रुक जाएगा.
नाग पंचमी के दिन बना है अद्भुत संयोग
इस साल नाग पंचमी पर विशेष संयोग बन रहा है. पंचांग के मुताबिक़ इस बार नाग पंचमी के दिन मंगला गौरी का व्रत भी रखा जाएगा क्योंकि सावन में हर मंगलवार को मंगला गौरी का व्रत रखा जाता है. यह व्रत माता पार्वती को समर्पित माना गया है. इस लिए नाग पंचमी के दिन नाग देवता के साथ-साथ भगवान शिव और माता पार्वती की भी पूजा की जाएगी.
इसके साथ ही नागपंचमी के दिन शिव योग और सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहे हैं. शिव योग शाम 06 बजकर 38 मिनट तक रहेगा और उसके बाद सिद्धि योग शुरू होगा. इन दोनों ही योग में पूजा करने से शिव जी और नाग देवता की विशेष कृपा होगी. साथ ही भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होंगी. इन दोनों योग में किए गए हर कार्यों में सफलता मिलती है.
इन अशुभ मुहर्त में करें पूजन
नाग पंचमी के दिन ये अशुभ मुहूर्त भी बन रहें हैं. ऐसे में इन मुहूर्त में पूजन न करें अन्यथा अशुभ फल मिलेगा.
राहुकाल- 03:49 PM से 05:30 PM
यमगण्ड- 09:05 AM से 10:46 AM
गुलिक काल- 12:27 PM से 02:08 PM
विडाल योग- 05:29 PM से 05:43 AM, अगस्त 03
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के लिए हैं हम इनकी सत्यता या जांच की पुष्टि का दावा नहीं करते हैं. इन्हें अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले.
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