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कोरोना से ठीक होने के बाद Fungal Infection का खतरा, आखे और नाक खतरे में

कोरोना की दूसरी लहर के बाद इस फंगल इंफेक्शन की मुसीबत, छीन सकता है आंखों की रोशनी
दिसंबर में सर गंगाराम हॉस्पिटल (Gangaram Hospital) सहित कई अस्पतालों में कोरोना से रिकवर हुए मरीजों में म्यूकोरमाइसिस नाम के फंगल इंफेक्शन (Fungal infection)के काफी केस देखने को मिले थे। अब एक बार फिर यह केस बढ़ते हुए नजर आ रहे हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक यह फंगल इंफेक्शन इतना खतरनाक है कि यदि किसी को हो जाए तो उसकी आंखों की रोशनी भी जा सकती है। साथ ही जबड़ा भी निकालना पड़ सकता है।

गंगाराम अस्पताल में बीते दिनों में फिर से ऐसे मामले बढ़े हैं। गंगाराम अस्पताल में सीनियर ईएनटी सर्जन डॉ़ मनीष मुंजाल कहते हैं कि कोरोना के बढ़ने के साथ ही दोबारा से इस खतरनाक फंगल इंफेक्शन के मामले बढ़ रहे हैं। पिछले 2 दिनों में इस इंफेक्शन से पीड़ित 6 मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया गया है। पिछले साल भी इस फंगल इंफेक्शन ने कई मरीजों की आंखों की रोशनी (Eyesight) छीन ली थी। साथ ही कई मरीजों की नाक और जबड़ा भी निकालना पड़ा था।



डॉ मुंजाल का कहना है कि अगर कोविड से रिकवर हुए किसी व्यक्ति का नाक बंद रहता है, आंख या गाल में सूजन है और नाक में काली पपड़ी जैसा कुछ महसूस होता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें ताकि समय रहता इसका इलाज शुरू किया जा सके। ईएनटी डिपार्टमेंट के चेयरमैन डॉ अजय स्वरूप बताते हैं कि कोरोना के जो मरीज पहले से किसी न किसी बीमारी का शिकार हैं या फिर कोविड मरीजों के इलाज में अधिक स्टेरॉयड का इस्तेमाल किया जा रहा है तो इन कारणों से म्यूकोरमाइसिस (Mucorumiasis) नाम के फंगल इंफेक्शन हो सकता है। जिन कोविड मरीजों की इम्युनिटी(Immunity) कम है, वह सबसे ज्यादा इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं। डॉ. स्वरूप का कहना है कि जो कोरोना मरीज रिकवर कर गए हैं और यदि उन्हें डायबिटीज, किडनी या कैंसर (Kidney or cancer) जैसी कोई बीमारी है तो उनमें यह म्यूकोरमाइसिस होने के ज्यादा चांस हैं ।

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