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Vodafone के बाद TATA ने उठाया ये बड़ा कदम, इस कंपनी में सरकार की होगी 9.5 फीसदी की हिस्सेदारी

नई दिल्ली। वोडाफोन-आइडिया के बाद अब टाटा टेलीसर्विसेज ने भी एडजस्टेट ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) के बकाये पर देय 850 करोड़ रुपये के ब्याज को इक्विटी में बदलने के विकल्प को स्वीकार कर लिया है। इस विकल्प को स्वीकार करने के बाद अब कंपनी में सरकार की 9.5 फीसदी हिस्सेदारी हो गई है।

कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना
टाटा टेलीसर्विसेज ने कंपनी के इस फैसले की जानकारी शेयर बाजार को दी है। कंपनी की ओर से साझा किए गए बयान के मुताबिक 11 जनवरी 2022 को कंपनी के बोर्ड की बैठक में एजीआर के मद में बकाये ब्याज की रकम को इक्विटी में बदलने का निर्णय लिया गया। टाटा टेलीसर्विसेज 41.50 रुपये प्रति शेयर के रेट पर बकाये रकम को इक्विटी में बदलकर सरकार को 9.5 फीसदी शेयर देगी।

हालांकि, कंपनी के इस फैसले पर डॉट अपनी अंतिम मुहर लगाएगा। गौरतलब है कि सरकार ने पिछले दिनों टेलीकॉम सेक्टर को राहत देते हुए कई अहम फैसले लिए थे। सरकार ने स्पेक्ट्रम शुल्क और एजीआर बकाए के भुगतान के लिए 4 सालों का मोराटोरियम दिया। हालांकि, इस दौरान ब्याज की गणना जारी रहेगी, अगर कंपनी चाहती है कि ब्याज का हिस्सा इक्विटी में बदल सकती है।


वोडा-आइडिया ने भी चुना ये विकल्प
इससे पहले वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने मंगलवार को जानकारी साझा करते हुए कहा था कि भारत सरकार टेलीकॉम कंपनी में 36 फीसदी हिस्सेदारी अधिग्रहित करेगी। बोर्ड ने इसकी मंजूरी दे दी है।

रिपोर्ट के मुताबिक, कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया ने सरकार को देय लगभग 16,000 करोड़ रुपये की ब्याज देनदारी को इक्विटी में बदलने का विकल्प चुनने का फैसला किया है, जो कि टेलीकॉम फर्म की नियामक फाइलिंग के अनुसार कंपनी में लगभग 35.8 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।

रिपोर्ट में जानकारी दी गई कि बोर्ड ने कंपनी की लाइबिलिटी को इक्विटी में बदलने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। इस फैसले के बाद वोडाफोन-आइडिया में सबसे बड़ी हिस्सेदारी केंद्र सरकार के पास होगी। इसके बाद वोडाफोन समूह प्रोमोटर्स की हिस्सेदारी 28.5 फीसदी, आदित्य बिड़ला समूह की हिस्सेदारी 17.8 फीसदी होगी।

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