इंदौर न्यूज़ (Indore News)

अग्निबाण खुलासा : जागृति की जमीनें कुशल, ऋषभ मालपानी, चामाणिया ग्रुप के भी कब्जे में

65 एकड़ पर 894 भूखंडों का अभिन्यास 1990 में कराया था मंजूर… बाद में 15 एकड़ से ज्यादा जमीनें अवैध रूप से बेच डाली
इंदौर, राजेश ज्वेल। पिपल्याहाना (Piplyhana) स्थित जागृति गृह निर्माण संस्था (Jagriti Griha Nirman Sanstha) में भी बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है। इसकी कालोनी राजगृही (Rajgrihi) के पीडि़तों को भी भूखंड दिलवाने और कब्जा करवाने की प्रक्रिया प्रशासन शुरू करने जा रहा है। उसके पहले सविता गृह निर्माण(Savita Griha Nirman) और दीप गणेश गृह निर्माण को बिकी जमीनें सरेंडर करवाई जा रही है, लेकिन अग्निबाण को मिले दस्तावेजों से यह भी खुलासा हुआ कि इन दो संस्थाओं के अलावा जागृति की जमीनें कुशल गुरु गृह निर्माण, ऋषभ गृह निर्माण के साथ-साथ दीप गृह निर्माण और मालपानी तथा चामाणिया ग्रुप के कब्जे में भी है। मालपानी ग्रुप ने 14 भूखंड हासिल किए,जो कि उसके मुताबिक मूल सदस्यों से लेकर रजिस्ट्रियां करवाई गई। अब प्रशासन ने इन नए उजागर हो रहे जमीन मालिकों से भी चर्चा कर सरेंडर की प्रक्रिया शुरू करवाएगा, ताकि जागृति के असल 894 भूखंडधारकों को कब्जे दिलवाए जा सकें। संस्था ने अपनी मूल 65 एकड़ जमीन पर 13.09.1990 को आवासीय अभिन्यास मंजूर करवाया था, जिस पर 29.05.1991 को डायवर्शन भी तत्कालीन एसडीओ ने किया और फिर निगम ने भी 1995 में भवन अनुज्ञा जारी कर दी।


भूमाफियाओं के कब्जे में रही जागृति गृह निर्माण भी उन टॉप-10 संस्थाओं में शामिल रही है, जहां पर सबसे ज्यादा फर्जीवाड़े विगत वर्षों में किए गए। 2006 में सबसे पहले इसकी जांच शुरू हुई और अब कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) अयोध्यापुरी, पुष्प विहार, श्री महालक्ष्मी नगर के साथ राजगृही के पीडि़तों को भूखंडों के कब्जे दिलवाना चाहते हैं। अभी तक जागृति के संबंध में यही खुलासा होता रहा कि इसकी लगभग 10 एकड़ जमीन सविता गृह निर्माण ने और 4 एकड़ से अधिक जमीन दीप गणेश गृह निर्माण ने अवैध रूप से खरीद रखी है, जिसके चलते अभी अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेडेकर ने सविता गृह निर्माण के वर्तमान अध्यक्ष भाटी को बुलाया और उससे जमीन सरेंडर करने को कहा। इसी तरह दीप गणेश गृह निर्माण की जमीन बिल्डर अश्विन मेहता द्वारा सरेंडर की जा रही है, लेकिन जागृति के दस्तावेजों की जांच से एक नया और बड़ा खुलासा यह भी सामने आया कि इन दो संस्थाओं के अलावा ऋषभ गृह निर्माण एवं दीप गृह निर्माण, कुशल गुरु गृह निर्माण और मालपानी तथा चामाणिया ग्रुप के पास भी इसके कई भूखंडों की जमीनें हैं। प्रशासनिक जांच से यह भी उजागर हुआ कि चामाणिया ग्रुप के पास 5 भूखंडों की जमीनें हैं, तो मालपानी ग्रुप ने 14 भूखंडों की जमीनें कबाड़ रखी है, जिनमें भूखंड क्र. 294, 296, 355, 356, 357, 364 से 366, 486, 487 के अलावा 549, 558, 559 और 700 भूखंड क्रमांक की जमीनें ले रखी हैं। इसी तरह दीप गणेश के अलावा एक अन्य दीप गृह निर्माण के पास भी 9 भूखंडों की जमीनें हैं, तो कुशल गुरु और ऋषभ के पास भी इसी तरह भूखंडों की जमीनें कब्जे में हैं। अब इन सभी भूखंडों की हुई दूसरी रजिस्ट्रियों की जांच के बाद सरेंडर करवाने की प्रक्रिया प्रशासन द्वारा शुरू की जा रही है। उल्लेखनीय है कि जागृति गृह निर्माण ने पिपल्याहाना में सर्वे क्र. 597, 598 से लेकर 612 सर्वे नम्बरों के अलावा 638/2, 639, 640, 642, 643/1, 643/2, 643/3, 643/4 की कुल 25.956 हैक्टेयर यानी लगभग 65 एकड़ पर राजगृही नामक कालोनी विकसित कर सदस्यों को भूखंड आबंटन की प्रक्रिया 1990 से शुरू की। आवासीय अभिन्यास और डायवर्शन के बाद कलेक्टर जिला इंदौर से 09.07.1991 को संस्था ने विकास अनुमति भी प्राप्त कर ली, जिसके आधार पर इंदौर नगर निगम ने 25.091995 को भवन अनुज्ञा भी दी। संस्था ने 894 भूखंडों का विक्रय 91 से 93 के बीच कर दिया था, लेकिन इसमें से 6 हैक्टेयर की जमीन अति शेष बताकर अन्य गृह निर्माण संस्थाओं, समूहों यानी ग्रुप और व्यक्तियों को बेच डाली, जिसमें सविता, दीप गणेश, दीप गृह, कुशल, ऋषभ से लेकर चामाणिया, मालपानी ग्रुप शामिल रहे। सविता का तत्कालीन अध्यक्ष तो बॉबी खुद रहा, जिसने 118 भूखंडों की रजिस्ट्रियां करवा दी। वहीं दीप गणेश गृह निर्माण में 5 एकड़ से अधिक जमीन संस्था तर्फे उपाध्यक्ष वर्षा पति संजय मेहता के नाम से 15.03.2004 को रजिस्ट्री के जरिए हासिल की गई। अब प्रशासन सविता और दीप गणेश की जमीनों को तो सरेंडर करवा रहा है, वहीं उजागर अन्य बिकी जमीनों को भी इसी तरह सरेंडर करवाएगा।


बॉबी और बम के बीच हुए पांच अनुबंध
जागृति गृह निर्माण पर बीते कई सालों से बॉबी छाबड़ा का ही कब्जा है और सविता गृह निर्माण के तत्कालीन अध्यक्ष के रूप में रणवीर सिंह उर्फ बॉबी पिता इंदर सिंह और जागृति गृह निर्माण संस्था की ओर से तर्फे अध्यक्ष जयंत पिता शांतिलाल बम के बीच पांच बिक्री खत इकरारनामे यानी अनुबंध 08.01.2001 और 06.08.2001 को निष्पादित किए गए, जिसमें संस्था की जमीन को कृषि भूमि के अलावा पंचायत क्षेत्र में बताते हुए कूटरचित बिक्री खत तैयार किए गए, जबकि जमीन का आवासीय प्रयोजन डायवर्शन के जरिए कराया गया और पंचायत की बजाय जमीन निगम क्षेत्र में मौजूद थी।

212 धरोहर के भूखंडों को लगाया ठिकाने
सदस्यों के रजिस्ट्री किए हुए भूखंडों की जमीनें तो बेच डाली, वहीं बाद में 1500 के भूखंड साढ़े 1200 स्क्वेयर फीट के कर दिए। इसके अलावा 848 कुल भूखंडों में से जो 25 प्रतिशत धरोहर के रूप में भूखंड रखे गए थे वे 212 भूखंड भी भूमाफियाओं ने ठिकाने लगा दिए। इनमें ईडब्ल्यूएस और एलआईजी श्रेणी के भी 134 भूखंड शामिल थे और इन भूखंडों की रजिस्ट्रियां भी अवैध रूप से नए सदस्य बनाकर कर दी गई और इसमें निगम ने भी एनओसी दे डाली।

20 भूखंड नक्शे में नहीं… फिर भी कर दी रजिस्ट्री
एक तरफ जागृति के मंजूर अभिन्यास के मुताबिक जो 894 भूखंड निकले थे उनकी रजिस्ट्रियां हो गई थी, लेकिन ये जमीनें अन्य संस्थाओं और ग्रुप को बेच दी गई। वहीं 20 भूखंड प्रशासन की जांच में ऐसे भी शामिल आए जो अभिन्यास में थे ही नहीं और उनकी भी रजिस्ट्रियां कर डाली। उदाहर के लिए भूखंड क्रमांक 101 की रजिस्ट्री श्रीमती रजनी पति कोमल बाफना के नाम पर की गई, तो बाद में भूखंड क्रमांक 101/ए का पंजीयन मोहन पिता नत्थू जी गोटे के पक्ष में कर दिया गया और बाद में मोहन द्वारा भी इसी भूखंड की रजिस्ट्री भी रमेश पिता मोहनलाल प्रजापति के पक्ष में कर दी। ऐसे 20 भूखंडों का विवरण जांच समिति ने अपने पूर्व के प्रतिवेदन 03.03 2020 में भी दिया था और अब फिर जांच में ये गड़बड़ी उजागर हो रही है।


91 बाहरी लोगों को भी बेच डाले भूखंड
सहकारिता नियम के मुताबिक संस्था जहां पर पंजीकृत है उसी जिले के लोगों को सदस्य बनाकर भूखंड दिए जा सकते हैं, लेकिन जागृति गृह निर्माण में 91 ऐसे लोगों को भूखंडों का विक्रय कर दिया गया जो कार्य क्षेत्र में निवासरत नहीं थे। संस्था की उपविधि क्रमांक 5 के मुताबिक संस्था का कार्य क्षेत्र इंदौर नगर निगम सीमा तक ही सीमित था और कार्य क्षेत्र में निवासरत व्यक्तियों को ही सदस्यता दी जा सकती थी, लेकिन राजस्थान के जयपुर से लेकर अन्य बाहरी शहरों में रहने वालों को भी भूखंड बेचकर उनकी रजिस्ट्रियां करवा दी गई। उदाहरण के लिए श्रीमती सजन बाई के पक्ष में भूखंड 684 का विक्रय-पत्र पंजीबद्ध करवाया और उनकी सदस्यता क्रमांक निरंक बता। इसी तरह श्रीमती मीना पति गुरुमल का पता मालवीय नगर जयपुर राजस्थान है।

2006 में अग्निबाण ने उजागर किया था घोटाला
जागृति गृह निर्माण का घोटाला सबसे पहले अग्निबाण ने ही वर्ष 2006 में उजागर किया था, जब तत्कालीन कलेक्टर विवेक अग्रवाल ने एक जांच समिति गठित कर इस पूरे घोटाले की जांच करवाई थी, जिसमें तत्कालीन अपर कलेक्टर रमेश भंडारी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश हिंगणकर और उपपंजीयक सहकारिता अमरीश वैध शामिल थे। इस जांच कमेटी ने 21 पेज की रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी। हालांकि बाद में यह जांच रिपोर्ट भी फाइलों में धूल खाती रही और अब कलेक्टर मनीष सिंह ने जिस तरह भूखंडों पर कब्जे दिलवाना अन्य संस्थाओं में शुरू किए, उसी तरह अब राजगृही के पीडि़तों को भी न्याय मिलने की उम्मीद जागी है। अग्निबाण के पास जागृति से संबंधित कई महत्वपूर्ण दस्तावेज उपलब्ध भी हैं।

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