उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

शून्य से 12 साल तक के है सभी बच्चे, 21 दिन तक इलाज का हैं प्रावधान

  • बीते 11 महीने में शहर में मिले 11 कुपोषित बच्चे

उज्जैन। सरकार बच्चों के कुपोषण पर काबू पाने का लाख दावा करती हो लेकिन उज्जैन जिले में हालात विपरीत ही हैं। केवल शहर के आंकड़े देखें तो बीते 11 महीने में 11 बच्चे गंभीर कुपोषित मिले हैं। हालांकि चरक अस्पताल में इनका नि:शुल्क इलाज किया जा रहा हैं।



उल्लेखनीय है कि कुपोषित बच्चों को चिकित्सकीय सुविधा देने के लिए चरक अस्पताल में एनआरसी यानी पोषण पुनर्वास केन्द्र खोला गया है। यहाँ कुपोषित बच्चों को बेहतर उपचार व पोषण युक्त भोजन देकर स्वस्थ बनाया जाता है। यहाँ सभी जरूरी संसाधन भी उपलब्ध है, वहीं कुपोषित बच्चों को तलाशने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से आरबीएसके की टीम और आंगनवाड़ी सेविका की है। प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र पर आरबीएसके की टीम द्वारा समय-समय पर बच्चों की स्क्रीनिंग की जाती है जिसमें हृदय रोग, जन्मजात कटे ओंठ, कुपोषण सहित करीब 32 प्रकार की बीमारियों को चिन्हित कर विभाग को रिपोर्ट देनी होती है। साथ ही आंगनवाड़ी सेविका को भी अपने क्षेत्र में कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर संबंधित अधिकारी को सूचना देनी होती है। जांच में कुपोषित मिले बच्चों को पूरी तरह से कुपोषण से मुक्त करने के लिए जरूरत के मुताबिक उपचार दिया जाता है। पहले उम्र के हिसाब से वजन लिया जाता था, लेकिन अब बच्चों का दुबलापन, ठिगनापन की भी जाँच की जा रही है। अति कुपोषित बच्चों को जरूरत के मुताबिक एनआरसी में भी भर्ती कराया जा रहा है। जहाँ उनका उपचार होने के साथ ही उनके माता-पिता को पोषण आहार बनाने की विधि भी सिखाई जा रही है जिससे बच्चा सामान्य अवस्था में आने के बाद जब घर पहुँचे तो उसे सही तरह से पोषण आहार मिल सके। चरक भवन स्थित पोषण पुनर्वास केन्द्र के प्रभारी के मुताबिक पोषण पुनर्वास केन्द्र में कुपोषित बच्चे को भर्ती कराने पर इलाज तो किया ही जाता है, साथ में अभिभावकों को भी भोजन के साथ-साथ प्रति दिन के हिसाब से 120 रुपया क्षतिपूर्ति का लाभ दिया जाता है। पुनर्वास केन्द्र में हर बच्चे को 21 दिन तक रखने का प्रावधान है, जो बच्चा जितना दिन रहेगा, 120 रुपया प्रति दिन के हिसाब से उतनी ही राशि दी जाएगी। यानी 21 दिन रहने पर करीब ढाई हजार रुपया दिया जाएगा।

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