इंदौर। अभी भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के मद्देनजर जहां नए वक्फ कानून को लेकर चल रही चर्चाएं थम गईं, तो दूसरी तरफ इंदौर सहित प्रदेशभर में मौजूद वक्फ सम्पत्तियों के सत्यापन, उनके रिकॉर्ड के साथ सेटेलाइट सर्वे का काम भी फिलहाल रूक गया है। वक्फ कानून को लेकर जन-जागरण अभियान चलाने का भी निर्णय लिया गया था और कांग्रेस को भी अपना संविधान बचाओ अभियान स्थगित करना पड़ा। मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सनवर पटेल के मुताबिक मौजूदा स्थितियों को देखते हुए जन-जागरण अभियान के साथ-साथ सत्यापन, सर्वे के काम भी रूक गए हैं। इंदौर में ही प्रशासन ने वक्फ सम्पत्तियों के सत्यापन का काम शुरू कराया था और इंदौर जिले में ही बड़ी संख्या में वक्फ सम्पत्तियां मौजूद हैं, जिनकी संख्या 500 से अधिक बताई जाती है।
पिछले दिनों भाजपा सरकार ने वक्फ संशोधन कानून कानून को लेकर संसद में ना सिर्फ बहस की, बल्कि उसे अमल में लाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी, जिसके चलते देसभर में वक्फ सम्पत्तियों को लेकर हल्ला भी मचा। इंदौर में भी वक्फ सम्पत्तियों से जुड़े कई घोटाले अग्निबाण ने भी उजागर किए और कलेक्टर आशीष सिंह ने भी वक्फ बोर्ड की जमीनों के सीमांकन और रिकॉर्ड तैयार करवाने की प्रक्रिया शुरू की। शासन के निर्देश पर वक्फ सम्पदा और सम्पत्तियों के सर्वे और उससे जुड़े पोर्टल के जरिए यह प्रक्रिया शुरू हुई और तहसीलदार, पटवारियों से लेकर पूरे राजस्व अमले को लगाया गया। जूनी इंदौर तहसील में 187, देपालपुर में 136, सांवेर में 105, बिचौली हप्सी में 15, महू में 93, कनाडिय़ा में 9, हातोद में 38, मल्हारगंज में 19 और राऊ में 18 स्थानों पर वक्फ जमीनों की जानकारी सामने आई है। इसके अलावा वक्फ जमीनों पर हुए अवैध निर्माण, अतिक्रमण के साथ-साथ अन्य जमीनी गड़बडिय़ां भी उजागर होने लगी।
हालांकि इन सब गड़बडिय़ों में वक्फ बोर्ड से जुड़े पदाधिकारियों और नेताओं की भूमिका ही रही। अब चूंकि भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चल रहा है और भारत की ओर से पाकिस्तान को करारा जवाब दिया जा रहा है, जिसके चलते वक्फ संशोधन कानून पर भी चल रही देशव्यापी बहस जहां फिलहाल रूक गई, तो इससे संबंधित जनजागरण अभियान के साथ-साथ सत्यापन, सर्वे, सीमांकन सहित अन्य कार्य भी रोक लिए गए हैं। सोशल मीडिया पर भी वक्फ संशोधन कानून और उसके बाद पहलगाम में हुए आतंकी हमले के चलते एक वर्ग विशेष को भी निशाना बनाया जा रहा था। मगर अब भारत-पाक के बीच चल रही जंग के चलते इस तरह के तनावों को दूर करने के प्रयास केन्द्र सरकार ने भी किए। वहीं कांग्रेस को भी अपनी रणनीति बदलना पड़ी और उसके संविधान बचाओ अभियान को भी फिलहाल स्थगित करना पड़ा। मध्यप्रदेश में वक्फ बोर्ड के पास 23 हजार से अधिक सम्पत्तियां बताई जाती है, जिनमें लगभग 15 हजार सम्पत्तियां ऐसी है, जिन पर अवैध कब्जे, अतिक्रमण के अलावा अवैध खरीदी-बिक्री भी हो चुकी है।
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