इंदौर न्यूज़ (Indore News)

सांवेर की सडक़ों पर भटक रही थी अम्मा, इंदौर के निराश्रित सेवा आश्रम पहुंचाया

  • काउंसलिंग में बुजुर्ग ने कहा- अब आश्रम में ही रहूंगी

इन्दौर। सांवेर (Sanver) की सडक़ों पर भटक रही एक बुजुर्ग महिला को सांवेर पुलिस (Sanwer Police) ने इंदौर (Indore) के निराश्रित सेवा आश्रम (Desperate Service Ashram) में पहुंचाया। सांवेर (Sanver) के निवासियों की सूचना पर पुलिस ने बुजुर्ग महिला को रेस्क्यू (Rescue) किया था, जिसके बाद इंदौर में निराश्रित सेवा आश्रम (Desperate Service Ashram) चलाने वाले यश से संपर्क किया गया। दो दिन पहले ही बुजुर्ग को सांवेर से इंदौर आश्रम में लाया गया है, जिसके बाद से हर दिन काउंसलिंग की जा रही है।


सांवेर पुलिस (Sanwer Police) को तीन दिन पहले सूचना मिली थी कि एक बुजुर्ग महिला सडक़ों पर परेशान हालात में भटक रही है। पुलिस के पहुंचने पर 74 वर्षीय बुजुर्ग ने अपना नाम नाथीबाई (Nathibai) बताया और कहा कि उनकी तीन बेटियों में से दो की मौत हो चुकी है। सबसे छोटी बेटी के साथ वे बारह साल रहीं, पर वे रखना नहीं चाहते। बुजुर्ग का धरमपुरी (Dharampuri) में एक मकान भी है, जो उनके नाती ने अपने कब्जे में ले लिया है और उसके नाम पर मकान करने के लिए मारपीट भी करता है। उनके रहने का फिलहाल कोई ठिकाना नहीं हैं। सांवेर थाना कांस्टेबल राहुल पटेल (Sanver Police Station Constable Rahul Patel) ने इंदौर में निराश्रित सेवा आश्रम (Desperate Service Ashram) चलाने वाले यश पाराशर से संपर्क किया, जिसके बाद टीम बुजुर्ग को निराश्रित सेवा आश्रम लेकर आई। बुजुर्ग आश्रम में ही रहना चाहती है, लेकिन उन्होंने धरमपुरी स्थित मकान पर एक बार ले जाने की इच्छा जाहिर की।

2014 से चल रहा है आश्रम
बेसहारा, परिवार से त्यागे और दिव्यांगजन, बुजुर्गों के लिए निराश्रित सेवा आश्रम 2014 से चल रहा है। एक बेसहारा बुजुर्ग महिला को आश्रय देकर इसे शुरू किया गया था। आज आश्रम में 23 बुजुर्ग रहते हैं। इस आश्रम को चार युवा खुद की कमाई के कुछ अंश और जनसहयोग से चलाते हैं। एयरपोर्ट रोड (Airport Road) से अब आश्रम देवधर्म गांव, पितृ पर्वत (Devdharma Village,Pitr Parvat) पर शिफ्ट हो चुका है। यहां निगम ने खाली कमरे उपलब्ध करवाए हैं। यहां 35 बुजुर्गों को रखा जा सकता है।

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