इंदौर (Indore)। बीते कई वर्षों से रीजनल पार्क की दुर्दशा नगर निगम तमाम प्रयासों के बावजूद सुधार नहीं सका, जिसके चलते अब उसके संचालन-संधारण का ठेका निजी फर्म को दिया जाएगा। उसके साथ ही रीजनल पार्क में खाली पड़ी लगभग 8 एकड़ जमीन पर एक नया एम्यूजमेंट पार्क भी पीपीपी मॉडल पर बनवाएंगे। नगर निगम ने इसके लिए टेंडर आमंत्रित कर लिए हैं। हालांकि पूर्व में भी निगम टेंडर बुला चुका है। मगर कोई उपयुक्त फर्म नहीं मिली। अभी अग्निबाण ने ठेके पर रीजनल पार्क को देने की जानकारी भी दी थी, वहीं निगम ने नए सिरे से इसकी टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है।
इंदौर विकास प्राधिकरण ने 50 करोड़ रुपए की राशि खर्च कर रीजनल पार्क को तैयार किया था और उसके बाद संचालन-संधारण के लिए नगर निगम को सौंप दिया। मगर निगम टिकट लेने के बावजूद बेहतर तरीके से पार्क का संचालन नहीं कर पाया। फूड कोर्ट भी शुरू नहीं हुआ। जो खूबसूरत म्यूजिकल फव्वारे शुरू हुए थे, वे भी बंद हो गए। महापौर पुष्यमित्र भार्गव का कहना है कि अब हमने टेंडर शर्तों में कुछ संशोधन के बाद पीपीपी मॉडल पर इसके संचालन-संधारण का ठेका देना तय कर दिया है और साथ ही उसी फर्म से एम्यूजमेंट पार्क का निर्माण भी करवाया जाएगा। दोनों जिम्मेदारी एक ही फर्म द्वारा लिए जाने से मॉनिटरिंग ठीक तरीके से होगी। रीजनल पार्क का निर्माण पीपल्यापाला की लगभग 30 एकड़ जमीन पर हुआ है। पहले यहां उजाड़ पार्क था, जिस पर प्राधिकरण ने करोड़ों रुपए खर्च किए और धूमधाम से उसका शुभारंभ भी किया।
यहां तक कि उसके बाद आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में एक रात्रि भोज उद्यमियों-निवेशकों को प्रदेश सरकार की ओर से रीजनल पार्क में ही दिया गया था। मगर उसके बाद नगर निगम इसे बेहतर तरीके से संचालित नहीं कर पाया और जो शुरुआती सुविधाएं थीं, वे भी चौपट हुईं और नई सौगातें भी पार्क में आने वाली जनता को नहीं मिल सकी। कुछ समय पूर्व भी रीजनल पार्क को ठेके पर देने की तैयारी की गई थी। मगर कुछ विरोध के चलते निगम निर्णय नहीं ले पाया। अब महापौर ने इसे फिर से ठेके पर देने की कवायद शुरू करवाई है। 27 साल तक संचालन-संधारण का ठेका दिया जाएगा और उसके साथ ही एक एम्यूजमेंट पार्क भी निर्मित करवाएंगे, ताकि रीजनल पार्क का आकर्षण और बढ़ सके। नगर निगम ने दूसरी बार रीजनल पार्क को पीपीपी मॉडल यानि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के साथ एम्यूजमेंट पार्क निर्माण का टेंडर बुलाया है, जो कि तीन हेक्टेयर यानी 8 एकड़ पर बनना है। इसके लिए निगम ने ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया शुरू की है। 25 हजार रुपए का टेंडर डॉक्यूमेंट रहेगा और 6 सितम्बर तक यह टेंडर डॉक्यूमेंट ऑनलाइन लिया जा सकेगा, वहीं प्री-बिड मीटिंग भी होगी। 40 लाख रुपए की राशि निगम ने सुरक्षानिधि के रूप में तय की है। अब देखना यह है कि इस बार भी कोई उपयुक्त ठेकेदार फर्म रीजनल पार्क के संचालन-संधारण के साथ एम्यूजमेंट पार्क निर्माण के लिए मिलती है या नहीं। रीजनल पार्क की तरह ही नगर निगम ने मेघदूत उपवन को भी चौपट कर रखा है, लेकिन नेहरू पार्क का अवश्य जीर्णोद्धार किया गया है।
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