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Anant chaturdashi 2022: इस दिन है अनंत चतुर्दशी, जानें गणेश विसर्जन मुहर्त व पूजा विधि

नई दिल्ली। अनंत चतुर्दशी (Anant chaturdashi) का व्रत का हिंदू धर्म में विशेष महत्‍व है, देश के कई हिस्सों में यह व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और पूजा के बाद बाजू पर अनंत भी बांधा जाता है. भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी मनाई जाती है. अनंत चतुर्दशी को अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है. इस व्रत में भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के अनंत रूप की पूजा होती है. इस दिन गणेश विसर्जन भी किया जाता है इसलिए इस पर्व का महत्व और बढ़ जाता है. इस दिन दस दिवसीय गणेशोत्सव का समापन होता है. माना जाता है कि महाभारत काल में इस व्रत की शुरुआत हुई थी. इस बार अनंत चतुर्दशी का व्रत 9 सितंबर, शुक्रवार को पड़ रहा है.

 

अनंत चतुर्दशी पूजा का शुभ मुहूर्त (Subh muhurt of Anant Chaturdashi Puja 2022)
अनंत चतुर्दशी पर पूजा का मुहुर्त 9 सितंबर 2022 को सुबह 06.25 बजे से शाम 06:07 तक रहेगा. यानी पूजा के लिए पूरे 11 घंटे और 42 मिनट होंगे. वहीं अगर चतुर्दशी तिथि की बात की जाए तो वह 8 सितंबर को सुबह 9.02 से शुरू होगी और 9 सितंबर 2022 को शाम 6:07 बजे तक रहेगी.



गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त (Subh muhurt of ganesh visharjan 2022)
अनंत चतुर्दशी के दिन ही गणपति बप्पा(ganpati bappa) को विदाई भी दी जाएगी. अनंत चतुर्दशी पर गणेश जी का विसर्जन शुभ माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन गणेश जी का विसर्जन करने से पुण्य फल मिलता है. तो आइए अब इस दिन गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त (auspicious time) भी जान लीजिए.

सुबह गणेश विसर्जन मुहूर्त: सुबह 6.03 मिनट से 10.44 तक
दोपहर में गणेश विसर्जन दोपहर मुहूर्त: दोपहर 12.18 से 1. 52 मिनट तक
शाम को गणेश विसर्जन मुहूर्त: शाम को 5.00 बजे से शाम 6. 31 बजे तक

अनंत चतुर्दशी पूजा की विधि (Method of Anant Chaturdashi Puja)
अग्नि पुराण में अनंत चतुर्दशी व्रत के महत्व का वर्णन मिलता है. इस दिन प्रातःकाल स्नान के बाद पूजा स्थल पर कलश स्थापित करें. इसके बाद कलश पर भगवान विष्णु की तस्वीर भी लगाएं. एक धागे को कुमकुम, केसर और हल्दी से रंगकर अनंत सूत्र बनाएं, इसमें चौदह गांठें लगी होनी चाहिए. इस सूत्रो भगवान विष्णु की तस्वीर के सामने रखें. अब भगवान विष्णु और अनंत सूत्र की पूजा करें और ‘अनंत संसार महासुमद्रे मग्रं समभ्युद्धर वासुदेव। अनंतरूपे विनियोजयस्व ह्रानंतसूत्राय नमो नमस्ते।।’ मंत्र का जाप करें. इसके बाद अनंत सूत्र को बाजू में बांध लें. माना जाता है कि इस सूत्र को धारण करने से संकटों का नाश होता है.

गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक हर दिन क्यों रहता है खास
बुधवार, 31 अगस्त- गणेश चतुर्थी के दिन गणपति की स्थापना की जाती है और नए कार्यों की शुरुआत के लिए यह दिन बहुत ही शुभ है.

गुरुवार, 1 सितंबर- इस दिन ऋषि पंचमी मनाई गई. वाहन, प्रॉपर्टी और ज्वैलरी आदि खरीदने के लिए दिन शुभ था.

शुक्रवार, 2 सितंबर- इस दिन स्कंद षष्ठी को भगवान कार्तिकेय की पूजा की गई. खरीदारी के लिए यह दिन भी बहुत शुभ था.

शनिवार, 3 सितंबर- 03 सितंबर यानी आज दूर्वा अष्टमी मनाई जा रही है. आज अमृत योग में शुभ कार्यों की शुरुआत कर सकते हैं.

रविवार, 4 सितंबर- इस दिन राधाष्टमी मनाई जाएगी और प्रॉपर्टी में निवेश करने के लिए यह दिन बहुत ही शुभ है.

मंगलवार, 6 सितंबर- इस दिन जलझूलनी एकादशी का व्रत किया जाएगा. इस दिन आप घर के लिए जरूरी चीजें खरीद सकते हैं.

बुधवार, 7 सितंबर- इस दिन भगवान वामन की पूजा की जाएगी. शुभ कार्यों की शुरुआत के लिए यह दिन बहुत ही शुभ रहेगा.

गुरुवार, 8 सितंबर- इस तिथि को प्रदोष व्रत किया जाएगा. इस दिन घर में छोटा सा शिवलिंग घर लेकर आ सकते हैं.

शुक्रवार, 9 सितंबर- इस दिन अनंत चतुर्दशी मनाई जाएगी. शुभ कार्य संपन्न करने के लिए यह दिन बहुत ही शुभ है.

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