देहरादून। उत्तराखंड के ऋषिकेश (Rishikesh of Uttarakhand) में अंकिता भंडारी की हत्या की खबर से पूरे उत्तराखंड में सनसनी फैली हुई है। अंकिता भंडारी (Ankita Bhandari) का शव ऋषिकेश (Rishikesh) की चीला नहर से बरामद किया गया था। जिसके बाद धार्मिक एवं पर्यटन नगरी (religious and tourist city) में जोरदार प्रदर्शन कर हत्यारों को जल्द से जल्द फांसी की सजा दिलाये जाने की मांग की गई। वहीं प्रशासन के सामने परिजनों के सामने प्रमुख मांगे भी रख दी हैं, हालांकि अंकिता भंडारी की हत्या का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। याचिका में अंकिता की हत्या मामले में पटवारी सिस्टम को जिम्मेदार ठहराया गया है।
परिजनों की कुछ प्रमुख मांगें
दूसरी तरफ अंकिता के परिजनों ने कुछ अपनी प्रमुख मांगें भी रखीं हैं। जिसमें परिवार को एक करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दी जाए, अंकिता के नाम पर गांव मल्ली से बरमुंडी की सड़क का नामकरण किया जाए। अंकिता के नाम पर सार्वजनिक जगह पर एक स्मारक बनवाया जाए साथ ही परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी दी जाए, अंकिता जिस रिजॉर्ट में काम करती थी, वहां उसके नाम पर आदर्श विद्यालय खोला जाए, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान में अंकिता के नाम पर पुरस्कार हो। पुलकित आर्य के भाई और पिता को जांच पूरी होने तक कस्टडी में रखा जाए। पुलकित के भाई और पिता जांच को प्रभावित कर सकते हैं। बेटी के गुनाहगारों को जल्द से जल्द फांसी की सजा दी जाए।
विदित हो कि अंकिता पौड़ी गढ़वाल में एक निजी रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी। वो 18 और 19 सितंबर की दरम्यानी रात से गायब थी। पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें चिल्ला पावर हाउस के पास शक्ति नहर में तलाशी अभियान चला रही थीं। 24 सितंबर को अंकिता का शव चिल्ला पावर हाउस से मिला। उसकी हत्या का आरोप रिसॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और असिस्टेंट मैनेजर अंकित गुप्ता पर लगा है। तीनों न्यायिक हिरासत में हैं।
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