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असम CM की पत्नी ने मनीष सिसोदिया पर लगाया मानहानि का केस, भ्रष्टाचार के लगाए थे आरोप

गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री (Chief Minister) हिमंत बिस्वा सरमा की पत्नी रिंकी भुइयां सरमा ने दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Chief Minister Manish Sisodia) के खिलाफ 100 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा दायर किया है। सिसोदिया ने रिंकी सरमा (Rinki Sarma) पर बाजार दरों पर पीपीई के ठेके देने में कदाचार का आरोप लगाया था। उनके वकील पद्मधर नायक ने कहा कि रिंकी भुइयां सरमा ने मंगलवार को कामरूप मेट्रोपॉलिटन जिले के सिविल जज नंबर 1 की अदालत में मुकदमा दायर किया और बुधवार को सुनवाई की संभावना है।

सिसोदिया में प्रेस कांफ्रेंस में लगाए थे आरोप
एक अन्य अधिवक्ता किशोर कुमार दत्ता ने कहा कि सिसोदिया ने 4 जून को नई दिल्ली में एक प्रेस मीट को संबोधित करते हुए रिंकी भुइयां सरमा की प्रतिष्ठा और स्थिति को नुकसान पहुंचाने वाले कुछ आरोप लगाए थे। सिसोदिया ने अनावश्यक रूप से मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का नाम भी विवाद में घसीटा। इसलिए हमने मानहानि का दावा किया है।



सिसोदिया ने मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा था कि असम सरकार ने अन्य कंपनियों से 600 रुपये में व्यक्तिगत सुरक्षा(personal security) उपकरण किट खरीदे, जबकि सरमा ने अपनी पत्नी और बेटे के व्यापारिक भागीदारों की फर्मों को 990 रुपये में तत्काल आपूर्ति के आदेश दिए। इसके बाद विपक्षी कांग्रेस, भाकपा, माकपा, भाकपा-माले-लिबरेशन, आरसीपीआई, टीएमसी, रायजर दल, असम जातीय परिषद और अंचलिक गण मोर्चा ने कथित भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच की मांग की है।

दो पोर्टलों ने भ्रष्टाचार का किया था दावा
1 जून को डिजिटल मीडिया संगठनों, नई दिल्ली स्थित ‘द वायर’ और गुवाहाटी स्थित ‘द क्रॉसकरंट’ ने एक संयुक्त जांच रिपोर्ट में दावा किया था कि असम सरकार ने चार कोविड-19 संबंधित आपातकालीन चिकित्सा आपूर्ति आदेश दिए थे। सूचना के अधिकार के जवाबों की एक श्रृंखला का हवाला देते हुए इन पोर्टलों ने दावा किया कि 18 मार्च से 23 मार्च 2020 के बीच दिए गए सभी चार ऑर्डर रिंकी भुइयां सरमा और परिवार के व्यापारिक सहयोगी घनश्याम धानुका के स्वामित्व वाली तीन फर्मों को मिले थे।

एक ट्वीट में उसने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को पीपीई किट की आपूर्ति में किसी भी तरह की गड़बड़ी का खंडन किया था और कहा था कि उन्होंने एक पैसा भी नहीं लिया। असम सरकार और सरमा ने अलग-अलग सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का परिवार कदाचार में शामिल नहीं है और दो डिजिटल मीडिया द्वारा लगाए गए आरोपों को झूठा, काल्पनिक, दुर्भावनापूर्ण और निहित स्वार्थों का करार दिया। सरमा 2020 में भाजपा के नेतृत्व वाली पहली राज्य सरकार के दौरान स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री थे।

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