भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

एक दर्जन से अधिक लोगों की अटैच की गई कारें हड़पीं

  • टैक्सिडो इंडिया कंपनी मैनेजर का कारनामा
  • अलग-अलग कार्यालय में अटैच करने के नाम पर ली थीं कारें, एमपी नगर पुलिस ने की कार्रवाई

भोपाल। एमपी नगर थाना क्षेत्र में स्थित टैक्सिडो इंडिया कंपनी के मैनेजर पर एक दर्जन से अधिक कारों को अलग-अलग कार्यालयों में अटैच करने केनाम पर लेकर गायब करने का सनसनीखेज आरोप लगाया गया है। पुलिस ने जांच में आरोपों की पुष्टि के बाद अमानत में खयानत का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अभी तलाक एक दर्जन से अधिक कार मालिक एमपी नगर थाने में फ रियादी बनकर पहुंच चुके हैं, जिनको आरोपी मैनेजर न तो किराये दे रहा और न ही कार लौटा रहा है। एमपी नगर थाने के उप निरीक्षक हर्ष सोनगरे ने बताया कि राज परोसिया पुत्र रमेशचंद्र परोसिया भोपाल में रहते हैं। उन्होंने अपनी नई स्विफ्ट डिजायर कार फ रवरी 2021 में एमपी नगर स्थित टैक्सिडो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में अटैच की थी। यहां के मैनेजर रविकांत विश्वकर्मा ने 21 हजार रुपए प्रतिमाह किराया देने का अनुबंध किया था। ग्यारह महीने का अनुबंध था।


अनुबंध के ग्यारह महीने बीत गए, लेकिन रविकांत विश्वकर्मा कार नहीं लौटा रहा और न ही कार के संबंध में कोई जानकारी दे रहा है। एक माह पहले से किराया देना भी बंद कर दिया है। कार को रविकांत विश्वकर्मा ने किसीसरकारी विभाग में अटैच करने के नाम पर अपनी कंपनी में अटैच कराई थी। पुलिस ने जांच में मामला सही पाए जाने के बाद प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू करदी है। विवेचना अधिकारी हर्ष सोनगरे ने बताया कि अभी तक एक दर्जन से अधिक व्यक्ति एमपी नगर थाने में अपनी शिकायत लेकर आ चुके हैं, जिन्होंने उक्त कंपनी प्रबंधक के साथ कार का अनुबंध किया था। आरोपी उक्त व्यक्तियों की कारों के संबंध में न तो जानकारी दे रहा है और न ही कार लौटा रहा है। किराया भी सभी को समय पर नहीं दे रहा है। पुलिस शिकायतों की जांच कर रही है। जांच पूरी होते ही फ रियादियों को गवाह बनाकर आगे कार्रवाई की जाएगी।

नामी अस्पताल का डाक्टर बताकर दवा कारोबारी को ठगा
हनुमानगंज पुलिस के अनुसार दवा बाजार में सचिन तैन की न्यू वैक्सीन हाउस के नाम से दवा का थोक कारोबार है। सचिन जैन को एक जालसाज ने 18 अक्टूबर 2021 को फोन कर कहा कि मैं भोपाल स्थित नेशनल अस्पताल का वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. विजय बसल बोल रहा हूं। मुझे एक कंपनी के 20 इंजेक्शन चाहिए। फ रियादी ने डॉक्टर का नाम और उनका रजिस्ट्रेशन नंबर पूछकर 20 इंजेक्शन बुक कर दिए। 20 इंजेक्शन की कीमत करीब 74 हजार रुपए हुई। कुछ देर बाद जालसाज दवा बाजार के पास लाल प्लॉजाहोटल की पार्किंग में पहुंचा और वहां से कहा कि यहां पार्किंग की समस्या है, इंजेक्शन यहीं पहुुंचवा दो। फ रियादी ने जालसाज के बताए स्थान पर 74 हजार रुपए कीमती 20 इंजेक्शन पहुंचवा दिया। जालसाज ने इंजेक्शन के 74 हजार रुपए का चेक थमा दिया। चेक जब बैंक में जमा किया गया, तब पता चला कि उक्त चेक फर्जी है। इसके बाद फ रियादी ने नेशनल अस्पताल जाकर पता किया तो पता चला कि उक्त नाम और उक्त रजिस्ट्रेशन नंबर का कोई चिकित्सक उनके यहां पदस्थ ही नहीं हैं। इसके बाद फ रियादी ने पुलिस में शिकायत की। शिकायत जांच के बाद पुलिस ने धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर लिया है।

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