अयोध्या । उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी (Yogi Adityanath) की सरकार बनने के साथ ही 2017 में अयोध्या Ayodhya राम की पैड़ी पर दीपोत्सव कार्यक्रम (Deepotsav program on Ram ki Paidi) की शुरुआत हुई जो लगातार जारी है। इसी तरह 2018 में 3,01,152, फिर 2019 में 5,50,000, फिर 2020 में 5,51000, और अब 2021 जो योगी सरकार के इस कार्यकाल का अंतिम साल है. तब अयोध्या न सिर्फ अपने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ेगी बल्कि ऐसा कीर्तिमान भी बनाएगी ।
डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय प्रशासन ने तीन नवम्बर को होने वाले दीपोत्सव की तैयारियों को लेकर अयोध्या राम की पैड़ी पर दीए बिछाने के कार्य को अंतिम रूप दे दिया है। 12 हजार वालंटियर के सहयोग से घाट समन्वयक एवं प्रभारी के दिशा-निर्देशन में दूसरे दिन मंगलवार को दीए के पैटर्न पर दीए बिछाने का कार्य किया गया।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह के मार्ग-दर्शन में इस बार के दीपोत्सव को भव्य एवं यादगार बनाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा 32 घाटों पर लगभग 200 समन्वयक, 32 पर्यवेक्षक एवं 32 प्रभारी नियुक्त किए है। इनकी निगरानी में 12 हजार वालंटियर जिसमें विश्वविद्यालय परिसर के कई विभाग, महाविद्यालय, स्वयंसेवी संस्थाएं एवं इण्टर कालेज शामिल है।
राम की पैड़ी के 32 घाटों पर दीए बिछाने के 14 ग 14 ब्लॉक एवं रामायणकालीन प्रसंग का पैटर्न दिया गया है। इन्हीं पैटर्न पर वालंटियर द्वारा 9 लाख से अधिक दीए बिछायेंगे। 03 नवम्बर को इनमें तेल डालने के साथ 7 लाख 51 हजार दीए प्रज्जवलित करेंगे। दीपोत्सव में प्रत्येक वालंटियर को लगभग 75 दीए जलाने का लक्ष्य दिया गया है। सुबह 9 बजे से घाटों पर वालंटियर अपने घाटों पर मुस्तैद दिखे और दिए गए पैटर्न पर दीए लगाने का कार्य शुरू कर दिया।
वहीं राम पैड़ी के घाट नम्बर दो पर आजादी के अमृत महोत्सव का पैटर्न दिया गया उस पैटर्न पर वालंटियर ने दीए बिछाकर अंतिम रूप दे दिया है। घाट नम्बर तीन व चार पर केवट राम व राम द्वारा रावण का वध के पैटर्न पर दीए से सजा दिया गया। इसके अतिरिक्त घाट नम्बर पांच व छह पर राम भक्त हनुमान एवं एक भारत श्रेष्ठ भारत लोगों देखते ही बन रहा है। इस पर वालंटियर ने दीए लगाने को अंतिम रूप दिया। इनमें 3 नवम्बर को तेल डालने व दीए जलाने का कार्य किया जायेगा।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने दीपोत्सव का भव्य बनाने के लिए दीपोत्सव के पदधिकारियों को दिशा-निर्देश प्रदान कर दिया है। इसकी लगातार समीक्षा कर रहे है। कुलपति ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार के दिशा-निर्देशन में विश्वविद्यालय द्वारा दीपोत्सव की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है। 12 हजार से अधिक वालंटियर अपना सहयोग प्रदान कर रहे हैं। इन्हीं के द्वारा पूर्व में चार बार दीपोत्सव को सफल बनाया है।
इस बार भी प्रभु श्रीराम की कृपा से पिछले रिकार्ड को तोड़ते हुए सफलता प्राप्त करेंगे। वालंटियर को आने व जाने में कोई असुविधा न हो इसके लिए बसों का इंतजाम किया गया है। विश्वविद्यालय से तय समय पर बस से राम की पैड़ी पर रवाना किया जा रहा है। कोविड-19 के नियमों से सभी वालंटियर को अवगत करा दिया गया है। सुरक्षा एवं सतकर्ता के साथ दीए जलाये। कुलपति प्रो0 सिंह ने बताया कि सभी घाट समन्वयकों एवं प्रभाारियों को यह भी अवगत करा दिया गया है कि बिना परिचय-पत्र के किसी को घाट पर प्रवेश न दे। अपने एवं अपने आस-पास की सुरक्षा एवं सतकर्ता बहुत जरूरी है।
नोडल अधिकारी प्रो. शैलेन्द्र वर्मा ने बताया कि वालंटियर द्वारा 32 घाटों पर दीए बिछाने के कार्य को अंतिम रूप दे दिया है। देर शाम तक दीए की गिनती का कार्य शुरू कर दिया जायेगा। 3 नवम्बर को 9 लाख दीपों में तेल डालने व दीप प्रज्जवलन का कार्य किया जायेगा। सभी घाटों पर उपस्थित वालंटियर को लाउडस्पीकर के माध्यम से समय-समय पर दिशा-निर्देश दिया जा रहा है। इनके लिए भोजन की व्यवस्था भी की गई है। इसके साथ ही स्वच्छ जल की व्यवस्था भी कराई जा रही है। एनसीसी कैडेटों एवं पुलिस प्रशासन द्वारा घाटों पर निगरानी की जा रही है। छात्रों में पांचवे दीपोत्सव को लेकर उत्साह देखते ही बना रहा है। जय श्रीराम के नारे के साथ घाटों पर दीए बिछाने को अंतिम रूप दे रहे है। राम की पैड़ी के 32 घाटों पर पर्यवेक्षक, समन्वयक, प्रभारी मुस्तैद है। एजेंसी
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