नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के वाराणसी (Varanasi) में आज ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) परिसर का पहले दिन का सर्वे पूरा हो गया. ज्ञानवापी सर्वे (Gyanvapi Survey) पर एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा कि बाबरी (Babri) छीनी, ज्ञानवापी नहीं छीन पाओगे. ज्ञानवापी मस्जिद थी और रहेगी.
‘दूसरी मस्जिद को हरगिज नहीं खोएंगे’
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मैं सरकार को बताना चाहता हूं कि हमने एक बाबरी मस्जिद को खोया है, दूसरी मस्जिद को हरगिज नहीं खोएंगे. तुमने मक्कारी और अय्यारी से इंसाफ को कत्ल करके हमारी मस्जिद को छीना. दूसरी मस्जिद नहीं छीन पाओगे, याद रखना.
‘ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का आदेश असंवैधानिक’
बता दें कि इससे पहले असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का आदेश असंवैधानिक है. इस तरह का आदेश नहीं दिया जाना चाहिए था. बाबरी मस्जिद पार्ट-2 की ये तैयारी हो रही है. ये इसकी ओर बढ़ता हुआ पहला कदम है. इसके पीछे साजिश है.
‘हम अपनी मस्जिद को बचाएंगे’
उन्होंने कहा कि हम तुम्हारी बातों का भरोसा नहीं करने वाले हैं कि हम बचाएंगे. तुम नहीं बचाओगे. इंशाअल्लाह इस बार हम अपनी मस्जिद को बचाएंगे.
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मैं बड़ी जिम्मेदारी से कह रहा हूं कि ज्ञानवापी मस्जिद थी, है और रहेगी. 1991 का कानून कहता है कि 15 अगस्त 1947 को जो मस्जिद थी वो बरकरार रहेगी. अगर कोई उसके नेचर और कैरेक्टर में तब्दीली करना चाहेगा तो 1991 का संसद का कानून कहता है कि उसपर केस करो. जेल भेजो और अगर कोर्ट ने फैसला दिया तो 3 साल की सजा होगी.
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ये जो फिरकापरस्त ताकते हैं और समझ लीजिए कि फिरकापरस्त ताकत सिर्फ बीजेपी नहीं है. कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी भी फिरकापरस्त हैं. ये सब चाहते हैं कि मुसलमान सिर्फ अपने घर में मुसलमान रहे लेकिन घर से बाहर निकले तो मुसलमान ना रहे. प्रधानमंत्री को ज्ञानवापी के सर्वे पर चुप्पी तोड़नी चाहिए.
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