ज़रा हटके देश

मां के गर्भ से मृत पैदा हुई बच्ची, चलती एम्बुलेंस में ऐसे बचाई जान

रायपुर। धमतरी जिले के मगरलोड ब्लॉक (Magarlod Block of Dhamtari District) के सुदूर जंगलों के बीच बसे केकरा खोली गांव में रहने वाली गर्भवती (Pregnant) कुलेश्वरी को प्रसव पीड़ा हुई। घरवालों ने गांव की मितानिन को बुलाया और डिलीवरी करवाई, जिसमें एक लड़की का जन्म हुआ। लेकिन नवजात की न सांसें चल रही थीं और न ही धड़कनें। मां के गर्भ से मृत पैदा हुई थी बच्ची। लेकिन स्वास्थ्य विभाग (Health Department) की महतारी एक्सप्रेस के स्टाफ ने चलती एम्बुलेंस में बच्चे को कार्डियक मसाज और सीपीआर देकर एक अनहोनी को टाल दिया।

अब सभी लोग 102 स्टाफ के इस लाइफ सेविंग प्रयास (life saving effort) की सराहना कर रहे हैं। घरवालों ने गांव की मितानिन को बुलाया और डिलीवरी करवाई, जिसमें एक लड़की का जन्म हुआ। लेकिन नवजात की न सांसें चल रही थीं और न ही धड़कनें। इसी बीच 102 सेवा वाली महतारी एक्सप्रेस (Mahtari Express) गांव में पहुंची। मितानिनों ने बच्ची की हालत के बारे में 102 स्टाफ को बताया।


इसके बाद क्रिटिकल स्थिति (critical situation) को देखते हुए फौरन जच्चा और बच्चा दोनों को 102 एम्बुलेंस (Ambulance) से धमतरी जिला अस्पताल के लिए रवाना किया गया। इस बीच 102 में ईएमटी सरजू राम साहू ने सबसे अहम भूमिका निभाई। बच्चे को मुंह से सांस दी और बच्चे के नाक में भरे पानी को निकाला जिससे सांस की नली खुल गई। इसके बाद सीपीआर (CPR) किया और कार्डियक मसाज (Cardiac Massage) दिया। थोड़ी देर की कोशिश में ही बच्चे की धड़कन शुरू हो गई और वो सांस लेने के साथ ही रोने भी लगा।

बच्चे को हरकत करता देख सभी की जान में जान आई। फिलहाल बच्चे को जिला अस्पताल (District Hospital) में एसएनसीयू के अंदर ऑक्सीजन (Oxygen) पर रखा गया है। बता दें कि बच्चे की मां कुलेश्वरी भी भर्ती है। इस मामले में धमतरी जिले के सीएमएचओ डॉ. डी. के. तुर्रे ने बताया कि हमारा 102 स्टाफ इस तरह की इमरजेंसी के लिए पहले से प्रशिक्षित (Trained) किया जाता है।

डॉक्टर (Doctor) ने बताया कि बच्चे के जन्म के बाद के पहले 5 मिनट काफी महत्वपूर्ण होते हैं। इस बीच अगर बच्चा पैदा होते ही ना रोए या सांस ना ले तो फौरन सीपीआर देकर उसको बचाया जा सकता है। अगर 5 मिनट से ज्यादा का वक्त बीत जाए तो बच्चे के रिवाइवल और सर्वाइवल के चांस कम होते जाते हैं। इस मामले में 5 मिनट से ज्यादा का वक्त हो चुका था लेकिन फिर भी बच्चा बच गया। इसे चमत्कार (Miracle) की तरह देखा जा सकता है। फिलहाल नवजात (Newborn) को गहन चिकित्सा कक्ष (Intensive Care Unit) में कड़ी निगरानी में रखा गया है। उम्मीद है वो जल्द सामान्य हो जाएगा।

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