हैदराबाद। हैदराबाद के एक डॉक्टर ने तेलंगाना के महबूबनगर निवासी नौ साल के एक बच्चे के फेफड़े से एलईडी बल्ब निकाला है। महबूबनगर के नौ साल के बच्चे प्रकाश ने दोस्तों के साथ खेलते-खेलते अचानक एलईडी बल्ब निगल लिया। उसकी तुरंत सीटी स्कैन कराई गई। डॉक्टरों ने उसकी ब्रोंकोस्कोपी करके उसे दस मिनट में ही बिना किसी दिक्कत के बाहर निकाल दिया। डॉक्टरों ने कहा कि अगर और समय हो जाता तो बच्चे की जान जा सकती थी।
महबूबनगर का नौ साल का बच्चा प्रकाश दोस्तों के साथ खेलते-खेलते अचानक एलईडी बल्ब निगल लिया। सांस लेने और खांसने में दिक्कत हुई तो उसने घर वालों को अपनी परेशानी बताई। सोमवार को घर वाले उसे डॉक्टर के पास ले गए तो उसकी तुरंत सीटी स्कैन कराई गई। सीटी स्कैन में उसके फेफड़े के अंदर वाली ट्यूब के निचले हिस्से में एक छोटा एलईडी बल्ब और तार दिखा। डॉक्टरों ने उसकी ब्रोंकोस्कोपी करके उसे दस मिनट में ही बिना किसी दिक्कत के बाहर निकाल दिया। बच्चा बिल्कुल स्वस्थ है। खास बात यह है कि बच्चे को उसी दिन अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
डॉक्टरों के अनुसार, आमतौर पर हम देखते हैं कि 4 या 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चे खेल-खेल में कोई कड़ी चीज, बीज और खिलौने के छोटे-छोटे टुकड़े इत्यादि निगल जाते हैं। लेकिन इस मामले में यह अधिक खतरनाक था। इसमें एलईडी बल्ब के साथ नीचे की ओर धातु का एक छोटा तार लगा था। यह मुख्य वायुमार्ग को खराब कर सकता था। साथ ही इसकी वजह से रासायनिक प्रतिक्रियाओं के कारण या आंतरिक रक्तस्राव के कारण भी जटिलता आ सकती थी। जब यह और गहराई से अंदर चली जाती तो उसको निकालना और अधिक मुश्किल हो जाती। तब उसको निकालने के लिए खुली सर्जरी की जरूरत पड़ती। उन्होंने कहा कि बल्ब 12 घंटे से अधिक समय तक शरीर के अंदर था।