इंदौर न्यूज़ (Indore News)

अपराध में नंबर वन रहा बाणगंगा थाना, दूसरे नंबर पर लसूडिय़ा

शहर में होने वाले अपराधों में से आधे केवल दस थानों में हुए दर्ज
इंदौर। मिनी मुंबई (mini mumbai) के नाम से जाने वाले इंदौर शहर ( indore city) में अपराध (crime) भी तेजी से बढ़ रहे हैं। इस साल शहर में हर साल की तुलना में ज्यादा मामले दर्ज हुए। इनमें से भी आधे मामले शहर के दस थानों में दर्ज हुए हैं। एक बार फिर बाणगंगा थाना (banganga police station) नंबर वन तो लसूडिय़ा ( lasudia) दूसरे नंबर पर रहा।


शहर में 34 थाने हैं, जो अब पुलिस कमिश्नर (police commissioner) के अधीन होंगे। इनमें सबसे अधिक अपराध इस साल फिर बाणगंगा थाने में दर्ज हुए हैं। यहां इस साल अब तक 1790 केस दर्ज हो चुके हैं। दूसरे नंबर पर लसूडिय़ा थाना रहा। यहां अब तक 1703 मामले दर्ज हो चुके हैं। तीसरे पर विजयनगर थाना (vijaynagar police station) रहा, जहां 1286 केस दर्ज हुए हैं। इसके अलावा एक हजार के पार रहने वाले थानों में खजराना 1252, चंदन नगर 1127, भंवरकुआं 1030 और राजेंद्रनगर 1075 हैं। एक हजार के आसपास परदेशीपुरा (pardeshipura) 985, हीरानगर 921 और एमआईजी 895 हैं। शहर में हर साल लगभग 25 हजार केस दर्ज होते हैं। इनमें से 12 हजार से अधिक केस केवल इन दस थानों में दर्ज हुए हैं,।हालांकि अब इनमें से कुछ थानों को तोडक़र नए थाने बनाने की बात पहले कमिश्नर ने की है और प्रस्ताव बनाया जा रहा है, जबकि सूत्रों का कहना है कि इस साल शहर में दर्ज हुए अपराधों का आंकड़ा 25 हजार से अधिक है। इसके पीछे पुलिस (Police)  के अधिकारी अधिक कार्रवाई को कारण बता रहे हैं।


सराफा में फिर सबसे कम केस
हर साल की तरह इस बार भी सराफा थाना ऐसा है, जहां शहर और देहात के थानों में सबसे कम अपराध दर्ज हुए हैं। यहां इस साल अब तक 137 अपराध दर्ज हुए हैं। इसके अलावा कम अपराध वाले थानों में छोटी ग्वालटोली 161, पंढरीनाथ 163, एमजी रोड 381 और रावजी बाजार 440 हैं। इनमें से दो थाने पंढरीनाथ और रावजी बाजार सबसे अधिक संवेदनशील थाने माने जाते हैं। इसके बावजूद यहां अपराध सबसे कम हैं। इसके पीछे अधिकारियों का कहना है कि ये व्यापारिक क्षेत्र (business area) हो गए हैं। इसके चलते यहां लोग कम रहते हैं, इसलिए अपराध कम हुए हैं।


देहात का किशनगंज थाना नंबर वन
देहात क्षेत्र (countryside area) में एक दर्जन थानों की बात की जाए तो यहां सबसे अधिक अपराध किशनगंज (kishanganj) थाने में दर्ज हुए हैं। इस साल अब तक यहां 915 केस दर्ज हुए हैं। इसके पीछे कारण नई टाउनशिप (township) और बाहरी क्षेत्र होना बताया जा रहा है। इसके अलावा देहात के बाकी थानों में पांच सौ से सात सौ के बीच केस दर्ज हुए हैं, जबकि शहर के अन्य थानों में भी यही हाल है। नए बने थानों में भी यही स्थिति है।

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