- दोपहर डेढ़ बजे तक रहेगा पूर्व भाद्रपदा नक्षत्र
- तत्पश्चात उत्तर भाद्रपदा नक्षत्र लगेगा
इंदौर। मंगल मूर्ति के जन्म काल के भादों मास की संकष्टी चतुर्थी या हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी का व्रत आज गणेश भक्तों के साथ खासकर महिलाओं द्वारा रखा गया है चतुर्थी पर गणेश भक्तों के लिए विशेष फलदाई तो है ही महिलाएं ये व्रत पुत्र की लंबी आयु की कामना के साथ करती हैं ।
सनातन धर्म में इस व्रत का विशेष महत्व बताया गया है। आज के दिन गणेश भगवान का व्रत करने से सुख-समृद्धि, ज्ञान और बुद्धि भी वृद्धि होती है भगवान श्रीगणेश विघ्नहर्ता हैं। उनकी पूजा से सारे कार्य सिद्ध होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। संकष्टी चतुर्थी के दिन श्री गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए पूरे विधि विधान से पूजा करनी चाहिए। भगवान श्रीगणेश चतुर्थी तिथि के स्वामी हैं। इस दिन बप्पा के पूजन से विशेष कृपा बनी रहती है।
संकष्टी चतुर्थी पर भगवान की यह है पूजा विधि
संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर नित्यकर्म और स्नान करने बाद पूजाघर की साफ सफाई करें, आसन पर बैठकर व्रत का संकल्प लें और गणेश आराधना करे सायंकाल पूजा का महत्व है गणेश जी की प्रिय चीजें पूजा में अर्पित करें और उन्हें मोदक का भोग लगाएं। संकष्टी चतुर्थी का व्रत सूर्योदय के समय से लेकर चन्द्रमा उदय होने के समय तक व्रत रखा जाता है चन्द्र दर्शन के बाद ही उपवास खोले ।