कोलकाता। उम्र जनहित कई बीमारियों से पीड़ित होकर कोलकाता (Kolkata) के राजकीय अस्पताल (Government Hospital) में भर्ती राज्य के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी (Panchayat Minister Subrata Mukherjee) का निधन हो गया है। गुरुवार रात 9:22 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली। उनकी आयु 76 साल थी। गुरुवार शाम से उनकी सेहत बिगड़ने लगी थी, जिसके बाद रात नौ बजे के करीब खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उन्हें देखने के लिए अस्पताल पहुंची थीं।
अस्पताल प्रबंधन ने बताया था कि उनकी हालत बेहद गंभीर है और बातचीत नहीं कर पा रहे हैं। ममता के साथ राज्य के परिवहन मंत्री फिरहाद हकीम भी थे। डॉक्टरों ने उन्हें बताया था कि गुरुवार शाम को ही सुब्रत मुखर्जी स्टेन थिम्बॉसिस से पीड़ित हुए थे। अस्पताल से बाहर निकली मुख्यमंत्री से जब सुब्रत की सेहत के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि कुछ भी कहने लायक परिस्थिति नहीं है।
कोलकाता के पूर्व मेयर और 50 साल से विधायक रह चुके थे सुब्रत
अप्रैल-मई माह में विधानसभा चुनाव में बालीगंज सीट से चुनाव जीतकर मुखर्जी ने विधायक के तौर पर 50 साल पूरे किए थे। वह 1970 में पश्चिम बंगाल में कांग्रेस सरकार में मंत्री थे और 2011 से ही तृणमूल कांग्रेस सरकार में मंत्रिमंडल में रहे हैं। वह कोलकाता के पूर्व महापौर भी थे। इससे पहले, नारद स्टिंग मामले में सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
उल्लेखनीय है कि गत 24 अक्टूबर को सेहत जांच के लिए सुब्रत मुखर्जी एसएसकेएम अस्पताल में पहुंचे थे। उसी समय उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी थी, जिसके बाद उन्हें तुरंत वूडबर्न वार्ड के आईसीयू में भर्ती कर दिया गया था। बाद में उन्हें बाय पैप सपोर्ट पर रखा गया था। उसके बाद से सात चिकित्सकों की टीम उनका इलाज कर रही थी। डॉक्टरों ने बताया है कि उनके हृदय में दो स्टेन लगाए गए थे। गुरुवार शाम के बाद उनकी सेहत लगातार बिगड़ती गई थी।
मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष ने जताया दुख
पश्चिम बंगाल कैबिनेट में पंचायत मंत्री, तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुब्रत मुखर्जी के निधन पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ-साथ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि सुब्रत मुखर्जी जैसा कोई दूसरा कभी नहीं होगा। इसके साथ ही प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने भी उनके निधन पर दुख जताया है। एसएसकेएम अस्पताल में सुब्रत के निधन के बाद मीडिया से मुखातिब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बेहद भावुक हो गई थीं। उन्होंने कहा , “सुब्रत दादा (बड़े भाई) के अंतिम यात्रा में शामिल होना मेरे लिए संभव नहीं है। उनका मृत शरीर नहीं देख सकूंगी। मैंने जीवन में बहुत सारी मुसीबतें झेली हैं लेकिन सुब्रत दा की मौत सबसे बड़ी मुसीबत है।” ममता ने कहा कि वह काफी हंसमुख व्यक्ति थे। अपने परिवार, विधानसभा क्षेत्र, पार्टी और क्लब के प्राण पुरुष थे। और कोई उनके जैसा नहीं हो सकता।
उनकी हालत के संबंध में जिक्र करते हुए ममता ने कहा,” मैं गोवा से लौटते ही उनसे मिलने के लिए अस्पताल गई थी। मुझे देखकर वह हंसे थे और बोले थे कि मैं फिर उठूंगा और पार्टी के लिए जिले-जिले का दौरा करूंगा। आज शाम को बताया गया था कि वह ठीक हैं। कल उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी जानी थी लेकिन इसी बीच बड़ा हार्ड अटैक हुआ और कुछ भी नहीं किया जा सका।” ममता ने कहा कि कुछ दिनों पहले जब सुब्रत दार्जिलिंग गए थे, तो वहां भी उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। किसी तरह उन्हें वहां से बचाकर हम लोग लाए थे।
आज होगा अंतिम संस्कार
– ममता ने यह भी बताया कि उनके पार्थिव शरीर को अस्पताल से ले जाकर पीस वर्ल्ड में रखा जाएगा। आज सुबह 10:00 बजे से 2:00 बजे तक पार्थिव शरीर को रवींद्र भवन में रखा जाएगा जहां उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी जाएगी। वहां से उनके शव को उनके घर और क्लब में ले जाया जाएगा। मैं वहां उपस्थित रहूंगी।
इधर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने उनके निधन पर दुख जाहिर करते हुए ट्विटर पर लिखा है कि राजनीतिज्ञ और बंगाल कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्री सुब्रत मुखर्जी के निधन की खबर से काफी दुखी हूं। मैं उनके परिवार, प्रशंसकों और समर्थकों के प्रति संवेदना जाहिर कर रहा हूं। उनकी आत्मा को शांति मिले। ओम शांति।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने भी सुब्रत मुखर्जी के निधन पर दुख जाहिर करते हुए कहा है कि वह महज 26 साल की उम्र में कैबिनेट मंत्री बन गए थे। वह सिद्धार्थ शंकर राय की सरकार में मंत्री बने थे और उसके बाद से लेकर आज तक मंत्रिमंडल का हिस्सा रहे हैं। सुब्रत दा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के भी बहुत करीबी थे। ईश्वर उनके परिजन को दुख सहन करने की क्षमता दें। (एजेंसी, हि.स.)
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