उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

भस्मारती और महाकाल दर्शन हुए प्रोटोकाल से मुक्त

  • आचार संहिता के कारण नेताओं को अब आम श्रद्धालुओं की तरह मिलेगा मंदिर में प्रवेश-ऑनलाईन बुकिंग अभी भी फुल

उज्जैन। चुनाव आचार संहिता लागू होते ही महाकालेश्वर मंदिर समिति ने महाकाल में भस्मारती और दर्शन के लिए जनप्रतिनिधियों की प्रोटोकाल व्यवस्था को बंद कर दिया है। अब नेताओं को भी इसके लिए आम श्रद्धालुओं की तरह प्रवेश मिल पाएगा। उल्लेखनीय है कि महाकालेश्वर मंदिर में आम श्रद्धालुओं को दर्शन करने के लिए घंटों कतार में खड़ा रहना पड़ता है लेकिन राजनीतिक दल से जुड़े नेताओं को यहाँ महाकाल दर्शन से लेकर भस्मारती में शामिल होने के लिए प्रोटोकाल के तहत कोटे की सुविधा दी जाती है।



भस्मारती में सत्ता पक्ष के 50 जनप्रतिनिधियों को रोज प्रवेश दिया जाता है, जबकि विपक्ष के 20 नेताओं को भस्मारती और दर्शन के लिए प्रोटोकाल सुविधा रोज उपलब्ध कराई जाती है। ऐसे में महाकालेश्वर मंदिर में निर्धारित भस्मारती दर्शन की कुल 1800 सीटों में से 70 पर तो प्रतिदिन नेताओं का कब्जा रहता है। अब जबकि बुधवार से नगर निगम तथा पंचायत चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू हो गई है तो आचार संहिता रहने पर नेताओं महाकाल में प्रोटोकाल की सुविधा नहीं मिल पाएगी। आचार संहिता लागू होने के बाद महाकाल मंदिर समिति ने भस्मारती तथा दर्शन में जनप्रतिनिधियों को दी जाने वाली प्रोटोकाल सुविधा पर रोक लगा दी है। अब इसके बाद नेताओं को भी आम श्रद्धालुओं की तरह दर्शन करने पड़ेंगे।

अभी भी एडवांस बुकिंग चल रही भस्मारती की
आचार संहिता के चलते भले ही भस्मारती और दर्शन में जनप्रतिनिधियों का प्रोटोकाल बंद कर दिया गया हो, बावजूद इसके भस्मारती की ऑनलाईन बुकिंग अभी भी महाकाल मंदिर के पोर्टल की वेबसाईट पर फुल चल रही है। गत मई माह के लिए भी भस्मारती दर्शन की ऑनलाईन बुकिंग अप्रैल महीने के अंतिम सप्ताह में ही फुल हो गई थी। अभी भी यही स्थिति है। उल्लेखनीय है कि भस्मारती दर्शन के लिए ऑनलाईन बुकिंग हेतु 500 सीटों का कोटा निर्धारित है। जबकि 350 सीटों पर ऑफलाईन बुकिंग सीधे काउंटर से होती है। अगले हफ्ते तक के लिए वेबसाईट पर महाकाल भस्मारती की ऑनलाईन बुकिंग हो चुकी है।

Share:

Next Post

फिर करोड़ों खाने की तैयारी..शिप्रा शुद्धिकरण के लिए बनी 626 करोड़ की डीपीआर

Fri Jun 3 , 2022
बीते 21 सालों में साढ़े 650 करोड़ शिप्रा शुद्धिकरण के नाम डूब गए और कान्ह डायवर्शन लाईन की योजना भी फेल हो गई-पानी को स्वच्छ करने की आड़ में फिर होगा भ्रष्टाचार उज्जैन। शिप्रा नदी को शुद्ध करने के नाम पर भ्रष्टाचार की जो गंगा बहती है उसमें भोपाल, उज्जैन, दिल्ली के अधिकारी और नेता […]