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भोपाल: एनजीओ के हॉस्टल से गायब हुई 26 बच्चियां मिलीं, तीन अफसर सस्पेंड

भोपाल (Bhopal)। राजधानी में एक एनजीओ के अवैध चिल्ड्रन्स होम (NGO’s illegal children’s home) से लापता सभी 26 बच्चियां मिल गई (All 26 missing girls found) हैं। इन्हें भोपाल और आसपास के क्षेत्र से बरामद किया गया है। यह कहना है पुलिस का जबकि मामले में लापरवाही (negligence) बरतने पर परियोजना अधिकारी (including project officer ) समेत तीन अधिकारियों को सस्पेंड (Three officers suspended) कर दिया गया है। शनिवार को यह मामला प्रकाश में आने के बाद कलेक्टर और एसपी ने भी चिल्ड्रन्स होम का दौरा किया।


उल्लेखनीय है कि आंचल नाम के इस चिल्ड्रन्स होम में कुल 68 बच्चियां रजिस्टर्ड हैं। गुरुवार की रात को जब राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो समेत राज्य बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों ने यहां निरीक्षण किया तो 68 में से 41 बच्चियां ही मौके पर मिलीं। जिसकी शिकायत पर परवलिया पुलिस ने शनिवार को हॉस्टल संचालक और पदाधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। वहीं, दिल्ली पहुंचते ही राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष कानूनगो ने इसे गंभीरतापूर्वक संज्ञान में लेते हुए मुख्य सचिव वीरा राणा से सात दिन में जांच रिपोर्ट मांग ली है।

मामले को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी अतिगंभीरता से लिया है और उन्होंने एक्स (ट्वीटर) के जरिए कहा है, ”भोपाल के परवलिया थाना क्षेत्र में संचालित बालगृह से लापता बालिकाओं का वेरिफिकेशन हो गया है, सभी बेटियां सुरक्षित हैं और इनकी पहचान भी कर ली गई है। एक भी दोषी और लापरवाही बरतने वालों को बख्शा नहीं जाएगा” फिलहाल जिन तीन लोगों पर कार्रवाई की गई है, उनमें सीडीपीओ बृजेन्द्र प्रताप सिंह(वर्तमान पदस्थापना गंजबासौदा),सीडीपीओ कोमल उपाध्याय, मंजूषा राज पर्यवेक्षक, सेक्टर वरवलिया को निलंबित किया गया है।साथ ही महिला बाल विकास अधिकारी सुनील सोलंकी एवं सहायक संचालक महिला बाल विकास रामगोपाल यादव को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

इसके साथ ही कलेक्टर भोपाल ने छह सदस्यीय जांच दल का गठन कर दिया गया है जोकि पूरे मामले की गंभीरतापूर्वक जांच कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। पूरे प्रकरण में मतान्तरण का प्रकरण भी सामने आया है। अधिकांश हिन्दू और मुस्लिम बच्चियों को यहां ईसाई धर्म की प्रेक्टिस कराई जा रही थी। जिसके बारे में स्वयं बच्चियों ने मप्र राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. निवेदिता शर्मा को बताया है।

मामले में एसपी प्रमोद कुमार सिन्हा ने बताया कि प्राथमिक जांच और पूछताछ में ये सामने आया कि जिन 26 बच्चियों के लापता होने की बात की जा रही है, वे रजिस्ट्रेशन के बाद मन नहीं लगने से अपने परिवार के पास चली गईं हैं। इनमें से 10 बच्चियां आदमपुर छावनी हरिपुरा, 13 बच्चियां अयोध्या बस्ती, 2 बच्चियां रूप नगर क्रेशर एरिया और एक बच्ची रायसेन से बरामद कर ली गई हैं। शनिवार को ही एसपी, कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ ऋतुराज सिंह भी चिल्ड्रन होम का निरीक्षण करने पहुंचे।

एसपी ने ये भी बताया कि बच्चियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। अब तक की जांच में बच्चियों के साथ किसी प्रकार के यौन उत्पीड़न और मारपीट संबंधी बात सामने नहीं आई है। सभी पहलुओं पर मामले की जांच की जा रही है। आंचल चिल्ड्रन होम का संचालन अवैध तरीके से किया जा रहा था। इसी आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है। फिलहाल आंचल चिल्ड्रन्स होम का संचालक अनिल मैथ्यू फरार चल रहा है। आगे पुलिस जब तक सभी घर गई बच्चियों को जब तक बाल कल्याण समिति भोपाल (सीडब्ल्यूसी) के सामने प्रस्तुत नहीं कर देती है, तब तक यह पूरी तरह से नहीं माना जा सकता है कि वे अपने घरों में हकीकत में सुरक्षित हैं।

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