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उमेशपाल हत्याकांड में बड़ा एक्शन, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी का मुस्लिम हॉस्टल सील

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (Prayagraj) में उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनर की हत्या के 10 दिन बीत चुके हैं. आरोपियों के खिलाफ यूपी पुलिस बड़े स्तर पर ऑपरेशन (large scale operation) चला रही है. अभी तक पुलिस से हुई मुठभेड़ में एक शूटर और एक मददगार मारा गया है. साथ ही अतीक एंड गैंग की संपत्ति पर बुलडोजर भी गरज रहा है. पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई के इसी क्रम में Allahabad University के मुस्लिम हॉस्टल को सीज कर दिया गया है. भारी संख्या में पुलिस फोर्स और अधिकारियों की मौजूदगी में इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है.

गौरतलब है कि हत्याकांड के आरोपियों में से एक सदाकत खान इसी हॉस्टल में रहता था. पुलिस का दावा है कि उमेश पाल की हत्या करने के लिए हॉस्टल के कमरा नंबर-36 में मीटिंग की गई थी. बीते दिनों प्रयागराज पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने बताया था, “हत्याकांड की साजिश मुस्लिम हॉस्टल के कमरे में रची गई थी. वारदात में शामिल साजिशकर्ता सदाकत खान पुत्र शस्मशाद खान को यूपी एसटीएफ ने अरेस्ट किया है. वो गाजीपुर का रहने वाला है और एलएलबी का छात्र बताया जा रहा है, जो कि मुस्लिम हॉस्टल में रह रहा था.”

उमेश पाल को बड़ी सोच-समझकर मारा गया. बम इसलिए फेंका गया था, ताकि लोग डरकर मौके से भाग जाएं. शूटर ने सीसीटीवी कैमरे के दायरे में आने से बचने की भी कोशिश की थी. गौरतलब है कि 24 फरवरी को उमेश पाल प्रयागराज कोर्ट में गवाही देकर घर लौट रहे थे. साथ में दो गनर थे, लेकिन उमेश पाल इस बात से बेपरवाह थे कि एक गाड़ी उसका पीछा कर रही है. जैसे ही उमेश पाल की कार गली में पहुंचती है और वो कार से नीचे उतरता है. चारों तरफ से गोलियों की बौछार कर दी जाती है. उमेश जान बचाने के लिए गली में दौड़े, तब तक उनके गनर भी हमलावरों को जवाब देने के लिए पलटकर गोली चलाने की कोशिश करते हैं, लेकिन ये जवाब नाकाफी साबित हुआ.


हत्याकांड का मुख्य आरोपी माफिया डॉन अतीक अहमद है, जिसका तीसरे नंबर का बेटा असद ही उमेश पाल पर फायरिंग करते हुए दिखाई दिया था. शुरुआत में पुलिस असद का नाम नहीं ले रही थी, लेकिन बीते दिनों प्रयागराज पुलिस ने खुलकर कहा कि असद ने ही वारदात को अंजाम दिया. उस पर ढाई लाख रुपये का इनाम भी रखा गया है. यूपी पुलिस और एसटीएफ की कई टीमें जिस असद को खोज रही हैं, वो कहां है? इस सवाल का जवाब उमेश और दोनों सरकारी गनर के परिजनों के साथ ही यूपी की आम-अवाम भी जानना चाह रही है. पुलिस को जानकारी मिली है कि असद ने बहराइच के रास्ते नेपाल में शरण ले ली है.

प्रयागराज से फरार होने के बाद शूटर पहले से ही तय किए अपने अड्डे में जाकर बैठ गए और किसी के भी संपर्क में नहीं हैं. पुलिस को शक है कि घटना को अंजाम देने के साथ-साथ एस्केप प्लान भी फुलप्रूफ बनाया था. पहले से ही तय था कि कौन, किस गाड़ी से कब और कहां जाएगा, कहां छिपेगा, कब तक छिपा रहेगा. अब तक की जांच के बाद आशंका है कि शूटर की एक टीम राजधानी लखनऊ से बहराइच के रास्ते नेपाल में जा घुसी है. घटना के बाद आरोपियों के फरार होने में 2 फॉर्च्यूनर, एक क्रेटा और एक जेस्ट कार का इस्तेमाल हुआ था. इन 4 गाड़ियों से बदमाश अलग-अलग दिशाओं में फरार हुए हैं. सभी गाड़ियों पर अलग-अलग फर्जी नंबर प्लेट लगी हुई थीं. एक फॉर्च्यूनर पर तो लोडिंग गाड़ी की नंबर प्लेट को लगाकर शूटर फरार हुए हैं. हालांकि, पुलिस को खबर है कि बाकी शूटर मोहम्मद गुलाम, साबिर और गुड्डू मुस्लिम अभी यूपी में ही छिपे हो सकते हैं.

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