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त्रिपुरा में बीजेपी को बड़ा झटका, इस बड़े नेता ने 6500 कार्यकर्ताओं के साथ छोड़ी पार्टी

नई दिल्‍ली । त्रिपुरा (Tripura ) में सत्तारूढ़ बीजेपी (BJP) को बड़ा झटका लगा है. शीर्ष आदिवासी नेता हंगशा कुमार (Hangsha Kumar) मंगलवार को आदिवासी आधारित प्रमुख विपक्षी दल तिप्राहा स्वदेशी प्रगतिशील क्षेत्रीय गठबंधन में शामिल हो गए. बीजेपी और उसके सहयोगी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (IPFT) के लगभग 6,500 आदिवासियों के साथ, हंग्शा कुमार उत्तरी त्रिपुरा के मानिकपुर में आयोजित एक सार्वजनिक रैली में टीआईपीआरए (TIPRA) में शामिल हुए.

बीजेपी पर बोला हमला
टीआईपीआरए सुप्रीमो और त्रिपुरा के पूर्व शाही वंशज प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देब बर्मन सहित अन्य लोगों ने जनसभा को संबोधित किया जिसमें हजारों आदिवासी पुरुषों और महिलाओं ने भाग लिया. उन्होंने इस दौरान बीजेपी पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि सबका साथ, सबका विकास सिर्फ कहने की बात है. जबकि असल में इससे न तो आदिवासी और ना ही राज्य के गैर-आदिवासियों पर कोई असर पड़ा है.


हंगशा कुमार वर्तमान में 30-सदस्यीय त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) के विपक्ष के नेता हैं, जिसे एक मिनी-विधान सभा माना जाता है. टीटीएएडीसी में बीजेपी के नौ सदस्य हैं, जिसे 6 अप्रैल, 2021 के चुनाव में टीआईपीआरए ने कब्जा कर लिया था.

जब टीआईपीआरए ने पिछले साल राजनीतिक रूप से अहम टीटीएएडीसी पर कब्जा कर लिया, तो 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले त्रिपुरा में माकपा के नेतृत्व वाले वाम, कांग्रेस और बीजेपी के नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक विकास के बाद यह चौथी बड़ी राजनीतिक ताकत बन गई.

हंगशा कुमार के बीजेपी छोड़ने पर बीजेपी के मुख्य प्रवक्त सुब्रत चक्रवर्ती ने कहा, ‘हम अनुशासित कार्यकर्ताओं वाली एक पार्टी हैं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कुछ लोग पाला बदल लें. हमारी पार्टी ऐसे लोगों से प्रभावित नहीं होगी, जो निजी स्वार्थ के लिए काम कर रहे हैं. हम पहले राष्ट्र के लिए काम करते हैं फिर बाद में पार्टी के लिए. उनसे पूछना चाहिए कि उन्होंने बीजेपी क्यों छोड़ी? ‘

‘बीजेपी फिर करेगी झूठे वादे’
ज्ञापन सौंपने पर, टीआईपीआरए मोथा के प्रमुख प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा ने कहा कि 2018 से पहले BJP के चुनावी वादे पिछले 4.5 वर्षों में उनके काम में नहीं दिखे. उन्होंने कहा कि साल 2023 में बीजेपी फिर झूठे वादे करेगी. उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी को दो-तीन शीर्ष नेता अगले 15 दिन में मोथा में शामिल हो जाएंगे.

संविधान की छठी अनुसूची के तहत 1985 में गठित, टीटीएएडीसी का त्रिपुरा के 10,491 वर्ग किमी क्षेत्र के दो-तिहाई क्षेत्र में अधिकार क्षेत्र है और यह 12,16,000 से अधिक लोगों का घर है, जिनमें से लगभग 84 प्रतिशत आदिवासी हैं.

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