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IMF से लोन की उम्‍मीद लगाए बैठे कंगाल पाक को बड़ा झटका, फिच ने घटा दी रेटिंग

इस्लामाबाद (islamabad)। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से लोन की उम्मीद लगाए बैठे पाकिस्तान के लिए एक और बड़ा झटका लगा है। वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने मंगलवार को पाकिस्तान की रेटिंग घटा दी। फिच ने पाकिस्तान की दीर्घकालिक विदेशी मुद्रा जारीकर्ता डिफॉल्ट रेटिंग (IDR) को ‘CCC+’ से घटाकर ‘CCC-‘ कर दिया। पाकिस्तान की रेटिंग घटाते समय फिच ने उसकी नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। रेटिंग एजेंसी ने माना कि पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार पर भारी दबाव है और इसके पास मौजूद नकदी तेजी से घट रही है।

पाक का विदेशी मुद्रा भंडार घट रहा
फिच द्वारा CCC+ की रैंकिंग को संशोधित करने के चार महीने बाद यह गिरावट आई है। फिच ने कहा कि पाकिस्तान की रेटिंग का घटना इस बात की ओर इशारा करता है कि उसके पास मौजूद बाहरी नकदी और फंडिंग में तेज गिरावट आई है। साथ ही विदेशी मुद्रा (एफएक्स) भंडार में “गंभीर रूप से निम्न स्तर” की गिरावट आई है। बता दें कि पाकिस्तान आईएमएफ से लोन लेने के लिए हर शर्त मानने को तैयार है। नकदी संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार तीन अरब डॉलर से भी कम रह गया है।


IMF से उम्मीद लगाए बैठा पाकिस्तान
पाकिस्तान को आर्थिक रूप से धराशायी होने से बचने के लिए इस समय वित्तीय मदद और आईएमएफ से राहत पैकेज की बहुत ज्यादा जरूरत है। इस बीच तीन प्रमुख वैश्विक रेटिंग एजेंसियों में से एक न्यूयॉर्क स्थित एजेंसी ने कहा कि पाकिस्तान भले ही आईएमएफ प्रोग्राम को पटरी पर लाने में कामयाब हो जाए लेकिन उसकी फंडिंग के लिए बड़े जोखिम बने हुए हैं। इसने इसी साल होने वाले चुनावों का भी हवाला दिया। एजेंसी ने कहा कि 3 फरवरी को पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार केवल 2.9 बिलियन डॉलर था। यह तीन सप्ताह से भी कम आयात के लिए पर्याप्त नहीं है।

बता दें कि आईएमएफ के एक प्रतिनिधिमंडल ने किस्त जारी करने के संदर्भ में पाकिस्तान के अधिकारियों के साथ दस दिन तक वार्ता की थी लेकिन कर्मचारी स्तर के समझौते पर हस्ताक्षर किए बगैर ही वह प्रतिनिधिमंडल बृहस्पतिवार को वाशिंगटन लौट गया। वार्ता में पाकिस्तानी पक्ष के मुखिया वित्त मंत्री इसहाक डार ने शुक्रवार को बताया कि इस बातचीत को गति देने के लिए कुछ ठोस कदमों की जरूरत है। दोनों पक्ष सोमवार से वर्चुअल माध्यम से वार्ता बहाल करेंगे।

पाकिस्तान ने महंगी की बिजली
इसके कुछ घंटे बाद डार ने मंत्रिमंडल की आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) की बैठक की अध्यक्षता की जिसमें बिजली दरों को बढ़ाने का फैसला किया गया। ईसीसी ने आईएमएफ की अग्रिम शर्तें पूरी करने के लिए शून्य-रेटिंग वाले उद्योगों के साथ-साथ किसान पैकेज पर जारी बिजली टैरिफ सब्सिडी को भी बंद करने की मंजूरी प्रदान कर दी। यह आदेश एक मार्च से प्रभावी माना जाएगा। नकदी संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार तीन अरब डॉलर से भी कम रह गया है। उसे आर्थिक रूप से धराशायी होने से बचने के लिए इस समय वित्तीय मदद और आईएमएफ से राहत पैकेज की बहुत ज्यादा जरूरत है।

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