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बिहार : जब गांव, घर, खेत पानी में डूबे, तो सड़क किनारे बनने लगे आशियाने

मुजफ्फरपुर। मुजफ्फरपुर (Mujaffarpur) के कांटी (Kanti) प्रखंड के मिठनसराय (Mithansarai) के रहने वाले लालबाबू साहनी (Lalbabu Sahani) मुजफ्फरपुर-दरभंगा मुख्य मार्ग के किनारे आशियाना (House) बना रहे हैं।


बरसात के मौसम में तीन से चार महीने इनका ठिकाना यहीं रहेगा। इनके परिवार के सदस्यों की संख्या आठ है। इनके गांव का घर, खेत सबकुछ बाढ़ के पानी में डूब गया। जब इनके रहने का भी ठिकाना नहीं रहा, तो ये सड़क पर आ गए।

वैसे, लालबाबू साहनी का एक मात्र ऐसा परिवार नहीं जिसका बाढ़ की वजह से ठिकाना बदल गया हो। ऐसे कई परिवार हैं जो अब सड़कों के किनारे तंबू लगाकर जीवन गुजार रहे हैं।
लालबाबू कहते हैं कि गंडक नदी के जलस्तर में वृद्घि होने से परेशानी बढ़ जाती है।

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