नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि बिलकिस बानो मामले (Bilkis Bano case) के दोषियों (Convicts) को फिर जेल जाना होगा (Will have to go to Jail Again) । सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि बिलकिस बानो मामले के दोषियों को दो सप्ताह के भीतर संबंधित जेल अधिकारियों को रिपोर्ट करनी होगी।
न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि दोषियों की स्वतंत्रता की सुरक्षा की याचिका को स्वीकार नहीं किया जा सकता है और छूट के आदेशों को रद्द करने के “प्राकृतिक परिणाम” का पालन किया जाना चाहिए। “हमारा मानना है कि एक व्यक्ति केवल कानून के अनुसार ही अपनी स्वतंत्रता की सुरक्षा का हकदार है। जब कानून के उल्लंघन में किसी व्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन नहीं किया जा सकता है, तो क्या कानून के उल्लंघन या उल्लंघन की स्थिति में किसी व्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा की जा सकती है? पीठ ने कहा, “कानून के शासन को कायम रखते हुए, क्या हम प्रतिवादियों (दोषियों) को स्वतंत्रता और आजादी के अधिकार से वंचित कर रहे हैं? हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि जब कानून का शासन कायम होगा, तभी हमारे संविधान में स्वतंत्रता और अन्य मौलिक अधिकार कायम रहेंगे।”
शीर्ष अदालत ने 2002 के राज्य दंगों के दौरान बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या के मामले में 15 अगस्त, 2022 को राज्य की छूट नीति के तहत दोषियों को रिहा करने के गुजरात सरकार के फैसले को रद्द कर दिया। अगस्त 2022 में गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो गैंगरेप केस में उम्रकैद की सजा पाए सभी 11 दोषियों को रिहा कर दिया था। दोषियों की रिहाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद बिलकिस के दोषियों को जेल जाना होगा।
12 अक्टूबर 2023 को 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या के मामले में दोषियों को रिहा करने के छूट आदेश की वैधता के सवाल पर दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि मामले में दोषी ठहराए गए 11 लोगों को पिछले साल 15 अगस्त को रिहा कर दिया गया था। गुजरात सरकार ने अपनी छूट नीति के तहत इनकी रिहाई की अनुमति दी थी। दोषियों ने जेल में 15 साल की सजा काटी थी।
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