- उपचुनाव के बीच दोनों आयोग की अध्यक्ष भाजपा-कांग्रेस के समर्थन में उतरीं
भोपाल। प्रदेश में जारी विधानसभा उपचुनाव के बीच राज्य एवं राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष भी कांग्रेस एवं भाजपा के समर्थन में उतर आई हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बयान पर भाजपा की शिकायत पर मुख्य सचिव और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। जबकि मंत्री बिसाहूलाल सिंह द्वारा कांगे्रस प्रत्याशी की पत्नी को लेकर विवादित बयान देने पर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को महिला सुरक्षा के नाम पर नौटंकी करने वाला बताया है। इतना नहीं दोनों अध्यक्षों ने सोशल मीडिया पर वीडियो भी जारी किए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने डबरा में चुनावी सभा में आयटम को लेकर बयान दिया था। भाजपा ने कमलनाथ के इस बयान को मंत्री एवं भाजपा प्रत्याशी इमरती देवी से जोड़ दिया। इसे इमरती के साथ पूरी नारी जात का अपमान बताया। इसके विरोध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत मप्र भाजपा ने मौन व्रत किया। मप्र पुलिस में शिकायत की, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। इतना ही नहीं राज्य महिला आयोग को छोड़कर भाजपा दिल्ली में राष्ट्रीय महिला आयोग को शिकायत सौंपी। जिस पर आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने मुख्य सचिव एवं चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर कमलनाथ पर कार्रवाई करने के लिए कहा है। खासकर यह है कि रेखा शर्मा ने इसका बयान भी जारी किया है। इधर कमलनाथ के बयान के बाद मंत्री एवं अनूपपुर से भाजपा प्रत्याशी बिसाहूलाल सिंह द्वारा कांग्रेस प्रत्याशी की पत्नी को लेकर विवादित बयान सामने आ गया। जिस भाजपा मौन उपवास कर रही थी, तब बिसाहूलाल कांग्रेस नेता की पत्नी को रखैल बोल रहे थे। जिस पर भाजपा ने चुप्पी साध ली। इसके विरोध में मप्र कांग्रेस ने पुलिस, चुनाव आयोग एवं राज्य महिला आयोग में शिकायत की। राज्य महिला आयोग की काम तो नहीं कर पा रहा है, लेकिन आयोग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने बयान जारी कर महिला सुरक्षा के नाम पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को असंवेनशील और नौटंकीबाज बता दिया है। दोनों महिला आयोगों की अध्यक्षों के बयानों को भाजपा एवं कांग्रेस के नेता सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि रेखा शर्मा भाजपा नेत्री रहीं हैं, जबकि शोभा ओझा कांग्रेस से हैं। वे महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रही हैं।
महिला उत्पीडऩ में मप्र नंबर वन, फिर भी चुप रहते हैं आयोग
राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो के अनुसार महिला उत्पीडऩ के मामले में मप्र पिछले कई सालों से नंबर वन पर है। पीडि़त महिलाएं अपनी फरियाद लेकर राज्य महिला आयोग भोपाल से लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग दिल्ली तक पहुंची, लेकिन उनकी सुनवाई तक नहीं होती है। ऐसे में महिला आयोगों की अध्यक्षों द्वारा उपचुनाव में जिस तरह से अपनी-अपनी पार्टियों के पक्ष में बयान दिया है, उससे उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि राष्ट्रीय महिला आयोग ने मप्र में किसी भी महिला उत्पीडऩ के मामले में सरकार को नोटिस नहीं दिया। न ही समाचार पत्र या चैनल की खबर पर महिला उत्पीड़़़ऩ के मामले में संज्ञान लिया है। जबकि महिला आयोग उपचुनाव में सक्रियता दिखा रहा है।