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यूपी की इन सीटों पर समीकरणों के पेच में उलझी BJP, रायबरेली-मैनपुरी में बदली रणनीति

नई दिल्‍ली (New Delhi)। लोकसभा चुनावों (Lok Sabha elections)के लिए 400 से ज्यादा उम्मीदवारों की घोषणा (Announcement of candidates)कर चुकी भाजपा (B J P)बाकी बची सीटों के लिए उम्मीदवार तय करने में राजनीतिक (political)तथा सामाजिक समीकरणों के पेच सुलझाने(solving problems) में जुटी है। इनमें यूपी की रायबरेली और मैनपुरी समेत एक दर्जन सीट शामिल हैं, जहां भाजपा उम्मीदवारों को लेकर मंथन कर रही है। रायबरेली में वह कांग्रेस के उम्मीदवार का इंतजार कर रही है कि वहां पर गांधी परिवार से कोई उम्मीदवार आता है या नहीं।

भाजपा यूपी में लोकसभा की 75 सीट पर चुनाव लड़ने जा रही है। उसने पांच सीट सहयोगी दलों को दी हैं। दो सीट पर अपना दल जबकि दो पर रालोद लड़ रहा है। एक सीट सुभासपा को दी है। निषाद पार्टी का दो उम्मीदवार भाजपा के चुनाव चिह्न पर लड़ेगा। भाजपा ने अब तक 63 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की है। बाकी बची 12 सीट पर पार्टी सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों के साथ दूसरे दलों के उम्मीदवारों पर भी नजर बनाए हुए है।


जिन सीटों पर उम्मीदवार घोषित करना बाकी है, उनमें रायबरेली, मैनपुरी, कैसरगंज, प्रयागराज, फिरोजाबाद, बलिया, भदोही, देवरिया, कौशाम्बी, गाजीपुर, मछली शहर एवं फूलपुर शामिल है। रायबरेली गांधी परिवार से जुड़ी सीट रही है। अभी यहां से सोनिया गांधी सांसद हैं, लेकिन इस बार वह चुनाव नहीं लड़ेगी। ऐसे में गांधी परिवार से प्रियंका गांधी या राहुल गांधी चुनाव लड़ते हैं या नहीं, इस पर भाजपा की नजर है। हालांकि, राहुल गांधी की वायनाड से उम्मीदवारी घोषित हो चुकी है। भाजपा में जिन नामों की चर्चा है, उनमें मनोज पांडे, दिनेश प्रताप सिंह शामिल हैं।

कैसरगंज सीट मौजूदा सांसद ब्रज भूषण शरण सिंह की है। विवादों में रहे सिंह को पार्टी इस बार टिकट नहीं देना चाहती है। उनके परिवार को टिकट देने पर भी असमंजस है। ऐसे में भाजपा को विपक्ष से ज्यादा अपने अंदरूनी संकट का सामना ज्यादा करना पड़ रहा है। मैनपुरी में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी एवं मौजूदा सांसद डिंपल यादव चुनाव मैदान में है। सपा के इस गढ़ को भेद पाना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती है। भाजपा यहां पर शाक्य समुदाय के नेता पर दांव लगा सकती है।

फिरोजाबाद में राजपूत उम्मीदवार पर मंथन

फिरोजाबाद में अभी भाजपा के चंद्रसेन सिंह जादौन सांसद हैं। सपा ने यहां से पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव को उतारा है। भाजपा चंद्रसेन जादौन को लेकर ऊहापोह में है। जादौन भी खुद के या अपने बेटे के टिकट के लिए लगे हुए हैं। भाजपा यहां पर ओबीसी या राजपूत प्रत्याशी पर मंथन कर रही है। प्रयागराज से भाजपा की रीता बहुगुणा जोशी वर्तमान सांसद हैं। भाजपा इस बार बदलाव के मूड में है।

बलिया, देवरिया में बदलाव की संभावना

बलिया से अभी भाजपा के वीरेंद्र सिंह मस्त सांसद हैं। यहां पर भी बदलाव की संभावना है। भाजपा से नीरज शेखर एवं अन्य नामों पर भी विचार किया गया है। भदोही से वर्तमान में रमेश चंद्र बिंद भाजपा सांसद है। सपा ने यह सीट टीएमसी को दी है। टीएमसी के टिकट पर ललितेशपति त्रिपाठी चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा यहां पर भी सामाजिक समीकरणों को लेकर उलझी है। देवरिया से भाजपा के मौजूदा रमापति राम त्रिपाठी के बदले जाने की प्रबल संभावना है। संभव है कोई ब्राह्मण चेहरा ही भाजपा का प्रत्याशी बनेगा। कांग्रेस ने पूर्व विधायक अखिलेश प्रताप सिंह को टिकट दिया है।

फूलपुर से नए चेहरे पर नजर

फूलपुर से भाजपा की केसरी देवी पटेल सांसद हैं। उनका टिकट भी कटने की संभावना है। यहां पर पार्टी किसी नए प्रत्याशी पर दांव खेल सकती है। कौशांबी से भाजपा के विनोद सोनकर सांसद हैं। इस बार सोनकर का पत्ता कट सकता है। यहां पर पूर्व सांसद बिजोय सोनकर शास्त्री की भी दावेदारी है। गाजीपुर में सपा के अफजाल अंसारी के सामने किसको उतारा जाए, इस पर अनिश्चितता है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के बेटे के नाम की भी चर्चा है। मछलीशहर से भाजपा के बीपी सरोज सांसद हैं। इस बार संभावना है कि हाल ही में बसपा छोड़ भाजपा में शामिल हुईं संगीता आजाद को टिकट मिले।

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