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भाजपा के सुशासन के दावों की खुलने लगी पोल: अखिलेश

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा के वादों और प्रशासन में सुशासन के दावों की पोल खुलने लगी है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी के स्टार प्रचारक का तमगा भी फीका पड़ने लगा है। किसानों का भाजपा से मोहभंग हो गया है क्योंकि उन्हें पूरा विश्वास हो चला है कि उनके साथ किए गए वादे कभी पूरे नहीं होंगे।

उन्होंने कहा कि किसान को फसल की लागत का ड्योढ़ा मूल्य नहीं मिला। एमएसपी और आय दोगुनी करने के नारे थोथे सिद्ध हो चुके हैं। किसानों का भविष्य अंधेरी गुफा में कैद है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि अभी एक सर्वे से यह साबित हुआ है कि मुख्यमंत्रियों के कामकाज की लिस्ट में उत्तर प्रदेश का दसवां नम्बर भी नहीं है। इस सर्वे से स्पष्ट है कि भाजपा के मुख्यमंत्री अपनी जमीन खोते जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अब तक अपनी प्रशंसा में जो दावे करते रहे हैं उनकी कलई भी इस सर्वेक्षण से खुल जाती है।


अखिलेश यादव ने कहा कि यह तो सभी जानते हैं कि भाजपा सरकार में किसानों का सबसे ज्यादा उत्पीड़न हुआ है। उन्हें न तो धान का समर्थन मूल्य मिला है और नहीं समय से उसका भुगतान हुआ है। उसका धान 900 से 1100 रुपये में बिक गया है। गन्ना किसानों के बकाया का भुगतान नहीं मिला है।

उन्होंने कहा कि किसान से वादा किया गया था कि उसे फसल की लागत का ड्योढ़ा मूल्य दिलाया जाएगा और उसकी आय दोगुनी की जाएगी। इसमें एक भी वादा पूरा नहीं हुआ है। फसल बीमा में किसान को नहीं बल्कि बीमा कम्पनियों को फायदा हुआ है। ज्यादातर जगह धान केन्द्र खुले नहीं, इन केन्द्रों में किसान को अपमानित किया गया।

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार लक्ष्य से ज्यादा धान खरीद का दावा करती है जबकि वास्तविकता में 6 प्रतिशत ही धान खरीद किसानों से हुई है, 94 प्रतिशत धान खरीद बिचैलियों से की गई है। यानी उत्पादन का कुल 6 प्रतिशत एमएसपी से खरीदा गया है। किसानों को झूठे आंकड़ों से ही बहकाया जा रहा है। किसानों के मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए भाजपा ताण्डव पर ताण्डव करा रही है। किसानों को आतंकवादी बताया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि किसानों के हित में तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए। इन कानूनों से खेती को नुकसान होगा। किसान को न तो कोई लाभ होगा, नहीं उसकी आर्थिक स्थिति में बदलाव आएगा। भाजपा के कारण किसानों के खेत पर खतरा मंडरा रहा है। सरकार को किसानों की जिम्मेदारी लेनी होगी। किसान को बाजार के भरोसे पर नहीं छोड़ा जा सकता है।

अखिलेश यादव ने कहा कि इस भाजपा सरकार ने चार साल में एक भी ऐसा काम नहीं किया है जिसे वह अपना बता सके। अखबारी विज्ञापनों और सरकारी प्रचार में अपनी उपलिब्धयां गिनाने वाली भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री जी अब किसानों और जनता की निगाहों में गिर चुके हैं। इसलिए भाजपा सरकार को हटाने का सभी ने मन बना लिया है। (एजेंसी, हि.स.)

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