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बागियों के खिलाफ BJP ने खोला मोर्चा, प्रदेश उपाध्यक्ष 6 साल के लिए निलंबित

नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपने-अपने समीकरण बनाना शुरू कर दिया है. ऐसे में राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बागियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसी कड़ी में मंगलवार को पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने के लिए प्रदेश उपाध्यक्ष राम सिंह को 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया गया है. बीजेपी लगातार बागियों पर कड़े फैसले ले रही है.

आपको बता दें कि बीते दिन यानी सोमवार को बीजेपी ने प्रदेश उपाध्यक्ष समेत 5 बागी नेताओं को निलंबित किया था. निलंबित किए गए नेताओं में पूर्व विधायक तेजवंत सिंह नेगी (किन्नौर), किशोरी लाल (अन्नी), मनोहर धीमन (इंदोरा), के एल ठाकुर (नालागढ़) और पार्टी की प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष कृपाल परमार शामिल थे. बीजेपी द्वारा इन नेताओं को टिकट नहीं दिए जाने पर वे सभी अपनी-अपनी सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं. राज्यसभा के पूर्व सदस्य परमार फतेहपुर सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं.


निर्दलीय उम्मीदवार के चुनाव लड़ने पर BJP ने किया बाहर
पार्टी के एक बयान में कहा गया कि बीजेपी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने को लेकर कार्यकर्ताओं को छह साल के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है. इससे पहले बीजेपी के 12 से अधिक नेताओं ने घोषणा की थी कि वें 12 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे. हालांकि, शीर्ष नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद पूर्व सांसद महेश्वर सिंह, युवराज कपूर और धर्मशाला ब्लॉक के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नाम वापस ले लिया है. बीजेपी ने उम्मीदवारों की पहली सूची में अपने 11 मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया है और दो मंत्रियों का विधानसभा क्षेत्र बदल दिया है.

चुनाव कार्यक्रम की घोषणा जल्द
निर्वाचन आयोग इस सप्ताह गुजरात के आगामी विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है. 2017 में अपनाई गई परंपरा का हवाला देते हुए निर्वाचन आयोग ने इस महीने की शुरुआत में हिमाचल प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों की तारीखों के साथ गुजरात के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा नहीं की थी. हिमाचल में 12 नवंबर को एक चरण में मतदान होगा, जबकि वोटों की गिनती आठ दिसंबर को की जाएगी. आयोग ने हिमाचल प्रदेश के लिए मतगणना की तारीख को मतदान के करीब एक महीने बाद रखते हुए स्पष्ट संकेत दिया था कि गुजरात चुनाव के वोटों की गिनती भी आठ दिसंबर को होगी. 2017 में दोनों राज्यों में अलग-अलग तारीखों पर चुनाव की घोषणा की गई थी, लेकिन मतगणना 18 दिसंबर को एक साथ हुई थी.

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