पहले से अधिकृत उम्मीदवार खड़े किए तो हो सकता है विरोध
इंदौर। भाजपा में हर दिन पार्षद के दावेदारों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसको देखकर बड़े नेता भी असमंजस की स्थिति में हंै। पार्टी जिसे अधिकृत करेगी वह चुनाव लड़ेगा, लेकिन दावेदारों की संख्या को देखते हुए भाजपा सभी को नामांकन फार्म जमा करने का कह सकती है। भाजपा नेताओं का कहना है कि अगर पहले से उम्मीदवार घोषित कर दिए गए तो विरोध का सामना करना पड़ सकता है।
इस बार नगर सरकार में पार्षद बनने के लिए भाजपा नेताओं में कुछ ज्यादा ही जोश नजर आ रहा है। दो साल देरी से हो रहे निगम चुनाव भी इसका एक बड़ा कारण है। पिछले दो दिनों से भाजपा कार्यालय पर लगातार दावेदारों के बायोडाटा देने का सिलसिला चल रहा है। हर कोई अपने आपको अपने वार्ड से जीत दिलाने का दावा भी कर रहा है तो कई नेता पत्नियां पहली बार दीनदयाल भवन की सीढिय़ां चढ़ रही हैं। भाजपा कार्यालय पर कल शाम तक एक वार्ड से औसतन 15 बायोडाटा आ चुके हैं। कई ऐसे वार्ड हैं, जहां जातिगत समीकरणों को देखकर टिकट का फैसला लेना होगा। इसलिए भाजपा पार्षद प्रत्याशियों की सूची जल्दी घोषित करने के मूड में नहीं है। सभी से कहा जा रहा है कि क्षेत्र में ध्यान दें और कमल के फूल के लिए काम करें। नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे सभी प्रत्याशियों से एक बात कह रहे हैं कि हमारा प्रत्याशी केवल कमल का फूल है और इसी के लिए हमें काम करना है, चाहे टिकट किसी को भी मिले। 11 जून से नामांकन प्रक्रिया शुरू होने वाली है। सूत्रों का कहना हैकि फिलहाल सभी को फार्म भरने के लिए कह दिया जाएगा और बाद में आखिरी तारीख पर पार्टी जिसे बी फार्म देगी, उसे छोड़ बाकी से नाम वापस करा लिए जाएंगे। फिलहाल ये रणनीति इसलिए अपनाई जा रही है, क्योंकि संगठन के नेताओं को आशंका है कि अगर पार्टी पहले से अधिकृत उम्मीदवार घोषित कर देगी तो उसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। फिर भी पार्टी इस मामले में प्रदेश संगठन के आदेश का इंतजार कर रही है। अभी प्रदेश संगठन ने प्रत्याशी चयन के लिए कोई गाइड लाइन भी तैयार नहीं की है। वहीं नेताओं की पत्नियों को टिकट नहीं देने की पार्टी की घोषणा भी पंचायत की घोषित सूची में हवा हो गई।
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