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महिला वोट के सहारे ममता को चोट देगी BJP, घोषणापत्र में खेला बड़ा दांव

कोलकाता। पश्चिम बंगाल (West Bengal Assembly Election) में ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) शासन को खत्म करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपना ध्यान महिला मतदाताओं पर लगाया है। रविवार को जारी घोषणापत्र में गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने राज्य में महिलाओं के लिए बड़ी घोषणाएं की हैं। बंगाल के 7।2 करोड़ मतदाताओं में 49 फीसदी के करीब महिलाएं हैं। बीजेपी ने महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 33 फीसदी आरक्षण देने समेत कई वादे किए हैं।

बंगाल सीएम बनर्जी ने साल 2011 में सत्ता संभालने के बाद महिलाओं के लिए कई योजनाएं शुरू की। इनमें कन्याश्री प्रकल्प, रूपश्री प्रकल्प जैसी कई नाम शामिल हैं। ऐसे में महिला मतदाताओं पर बनर्जी का प्रभाव कम करने के लिए बीजेपी ने भी अपने संकल्प पत्र में महिलाओं को काफी तवज्जो दी है। संकल्प पत्र जारी करने के दौरान गृहमंत्री शाह ने कहा कि महिलाए केंद्र के विकास एजेंडा में आगे रहेंगी। उन्होंने कहा ‘हम महिलाओं को भावनात्मक रूप से स्वतंत्र बनाने के लिए 5 हजार करोड़ रुपए का मिशन आत्मनिर्भर महिला लॉन्च करेंगे।’


राजनीतिक जानकार कपिल ठाकुर कहते हैं ‘हमने देखा है कि कैसे बिहार विधानसभा चुनाव में महिलाएं बड़ा फैक्टर साबित हुईं। नीतीश कुमार की महिला केंद्रित नीतियों के चलते वे उनकी रक्षक के तौर पर उभरीं। इनमें राज्य में शराबबंदी जैसे बड़े फैसले शामिल हैं। इसी तरह बंगाल चुनाव में भी महिलाएं सभी राजनीतिक दलों के लिए निर्णायक भूमिका निभाएंगी।’

ठाकुर कहते हैं ‘यही कारण है कि ममता बनर्जी खुद महिलाओं के लिए सभी योजनाओं की देखरेख करती हैं। बीजेपी ने भी अपना घोषणापत्र बनाने के दौरान इसपर काफी ध्यान दिया है और कहा है कि महिलाएं बंगाल में वास्तविक परिवर्तन में बड़ी भूमिका निभाएंगी।’ उन्होंने कहा ‘यह दिखाता है कि जातिवाद के अलावा कैसे महिला मतदाता इस बार बेहद जरूरी हैं।’

बीजेपी ने इससे पहले भी महिलाओं के लिए कई योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किए हैं, लेकिन मिशन आत्मनिर्भर महिला मिशन राज्य में ममता का सामना करने की कोशिश है। 2019 लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन के बाद बीजेपी राज्य में महिलाओं से जुड़े मुद्दे उठाने लगी थी। जबकि, टीएमसी ने उत्तर प्रदेश जैसे बीजेपी शासित प्रदेशों में महिला सुरक्षा में कमी की बात उठाई थी। राज्य में 2007 तक महिलाओं ने लेफ्ट फ्रंट का समर्थन किया, लेकिन सिंगूर और नंदीग्राम में भूमि अधिग्रहण आंदोलन के बाद वे बनर्जी की तरफ आ गईं थीं।


2016 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने 45 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया था। जबकि, बीजेपी के मामले में यह आंकड़ा 31 था। वहीं, 2019 को चुनाव में बीजेपी ने 5 और टीएमसी ने 17 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था। इस बार भगवा दल ने राज्य में महिला सुरक्षा को लेकर भी बड़ी घोषणाएं की हैं। शाह ने कहा ‘हम महिलाओं के खिलाफ अपराधों की समयसीमा में जांच करेंगे। महिला सुरक्षा और पॉक्सो से जुड़े मामलों के निपटारे में तेजी लाने के लिए हर उपखंड में फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करेंगे। हम एसिड अटैक, मानव तस्करी और दासता जैसे गंभीर अपराधों के लिए मृत्युदंड देने का कानून बनाएंगे।’

हालांकी, बीजेपी के घोषणापत्र पर सीएम बनर्जी ने निशाना साधा है। सोमवार को बांकुरा में जनसभा के दौरान उन्होंने कहा ‘उन्होंने सबकुछ हमारे घोषणापत्र और योजनाओं की नकल की है। उन्होंने जिन भी बातों की घोषणा की है, वे बंगाल में हमारी सत्ता में आने के बाद से पहले से ही हैं।’

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