–खुदरा व्यापार, ई-कॉमर्स एवं जीएसटी सहित अन्य समस्याओं पर जनमत संग्रह
नई दिल्ली। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) (Confederation of All India Traders (CAIT)) ने बुधवार को आगामी एक से 28 फरवरी तक देशभर में ‘व्यापारी संवाद राष्ट्रीय अभियान’ (‘Vyapari Samvad National Campaign’) चलाने का ऐलान किया है। इस अभियान के तहत कैट के शीर्ष नेताओं की टीम देश के सभी राज्यों के विभिन्न बाजारों के व्यापारिक संगठनों के साथ ‘डोर टू डोर’ संपर्क कर प्रत्येक कारोबारी समस्याओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा करेंगी और समस्याओं के हल निकालने के लिए जनमत संग्रह भी करेगी।
कारोबारी संगठन का कहना है कि देश के व्यापारियों की दिन-प्रतिदिन बढ़ती समस्याओं, पिछले दो वर्षों में कोरोना के चलते लागू प्रतिबंधों से बिगड़ते व्यापार, रिटेल कारोबार के लिए नीति का अभाव, ई-कॉमर्स के वर्तमान स्वरूप की वजह से कारोबारियों के व्यापार व्यापार के अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया है। इसी तरह जीएसटी सहित अन्य जटिल मुद्दों के कारण देशभर में व्यापारियों का कारोबार करना मुश्किल हो गया है। क्योंकि कारोबार करने की जगह व्यापारियों का अधिकांश वक्त सरकारी विभागों के नोटिस एवं सरकार के तुगलकी आदेशों का पालन करने में बीत रहा है।
कैट सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर व्यापारियों के बीच एक जनमत संग्रह कराने की घोषणा की है। इस अभियान की अगुवाई आगामी 2 फरवरी को कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया नागपुर, राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल दिल्ली और राष्ट्रीय चेअरमन महेंद्र शाह अहमदाबाद, राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष ब्रजमोहन अग्रवाल भुवनेश्वर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष घनश्याम गर्ग लखनऊ, वरिष्ठ उपाध्यक्ष धैर्यशील पाटील तथा ललित गांधी मुंबई से एक साथ करेंगे। वहीं, प्रत्येक राज्य की राजधानी में कैट के राज्य इकाई के नेता भी इसी दिन अपने राज्य में इस अभियान को शुरू करेंगे।
राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल यहां बताया कि देश में जिस प्रकार व्यापारियों की लगातार उपेक्षा की जा रही है और उनसे जुड़े विषयों पर उनसे कोई सलाह न कर अपनी मर्जी से नियम एवं क़ानून थोपे जा रहे हैं। उसको लेकर देशभर के व्यापारियों में बेहद आक्रोश है। उन्होंने कहा कि जीएसटी में मनमाने संशोधन, बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों की लगातार उद्दंडता के कारण देश में व्यापारियों की दुकानें बंद होना। इतना ही नहीं इस पर सभी राजनैतिक दलों की चुप्पी साधे रखना व्यापारियों के लिए चिंता का विषय है। यही वजह है कि देश के व्यापारियों ने इन मुद्दों पर अपनी लड़ाई खुद लड़ने का निर्णय लिया है।
कैट महामंत्री ने कहा कि कैट देशभर में व्यापारी संवाद के जरिए जनमत संग्रह करेगा। उन्होंने बताया कि इस विषय पर पूरी रणनीति बनाने के लिए देश के कुछ प्रमुख व्यापारी नेता आगामी 23 जनवरी को दिल्ली में मिलेंगे। खंडेलवाल ने बताया कि व्यापारियों को पेंशन, उत्तर प्रदेश सरकार की तरह बीमा, आधार कार्ड की तर्ज़ पर एक लाइसेंस की व्यवस्था, व्यापारियों पर लगे अनेक प्रकार के कानूनों की पुन: समीक्षा, फ़ूड सेफ्टी एंड स्टैण्डर्ड एक्ट के प्रावधानों, अव्यवहारिक कानूनों की समीक्षा, महिलाओं को उद्यमी बनाने आदि महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि इन सभी मुद्दों पर कैट एक श्वेत पत्र तैयार करेगा, जिसको मार्च के दूसरे सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, महिला बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी सहित सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, वित्त मंत्रियों एवं देश के सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को व्यक्तिगत रूप से दिए जाएंगे और उनसे व्यापारियों की समस्याओं का हल कराने की मांग की जाएगी। (एजेंसी, हि.स.)
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