- पहले दौर में सबसे ज्यादा खतरनाक मकान के हिस्से ढहाए जाएंगे, कुछ न्यायालयीन मामलों के कारण निगम ने रोका था अभियान
इन्दौर। नगर निगम (Municipal Corporation) ने शहरभर के खतरनाक मकानों को ढहाने का अभियान 15 जून के बाद शुरू करने का निर्णय लिया था, लेकिन विभिन्न कारणों के चलते यह अभियान अभी भी उलझन में है। कुछ न्यायालयीन (court) मामलों के चलते निगम अधिकारी आज और कल चर्चा कर इस अभियान को शुरू कर सकते हैं। पहले दौर मेंं अतिखतरनाक और जर्जर मकानों को तोडऩे की शुरुआत होगी।
नगर निगम जनकार्य विभाग के अधिकारियों ने सभी 19 झोनलों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में खतरनाक मकानों की सूची बनाई थी। करीब पौने दो सौ मकानों के हिस्से खतरनाक पाए गए थे। इनमें सवा सौ से ज्यादा मकानों के हिस्से ज्यादा खतरनाक हैं, जिन्हें तोड़े जाने की कार्रवाई के लिए निगम ने तैयारी की थी, लेकिन इसी बीच कुछ मामलों को लेकर न्यायालयीन कार्रवाई के चलते अभियान शुरू नहीं हो पाया। नगर निगम अधिकरियों के मुताबिक अब कुछ अतिखतरनाक और जर्जर मकानों को तोड़े जाने को लेकर आला अधिकारियों से चर्चा हुई है। एक-दो दिन में निगम की रिमूवल टीमें कार्रवाई के पहले नोटिस देने की प्रक्रिया शुरू कर देंगी और अतिखतरनाक तथा जर्जर मकानों के हिस्से ढहाए जाएंगे। कुछ स्थानों पर किराएदार-मकान मालिक के विवाद के चलते न्यायालय में मामले दायर किए थे। इसी के चलते कुछ मकानों के खतरनाक हिस्सों को हटाने में निगम के अफसर असमंजस में हैं। गत वर्ष भी नगर निगम ने खतरनाक मकानों की सूची बनाई थी, लेकिन अभियान चलाने के बावजूद आधे खतरनाक मकानों के हिस्से भी तोड़े नहीं जा सके थे।